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Hacking Attack: क्या हैकर्स से जासूसी करा रहा भारत!, रिपोर्ट में किया गया है कुछ ऐसा दावा

ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म ने दावा किया है कि भारतीय हैकरों ने पाकिस्तानी राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया है.

Hacking Attack: क्या हैकर्स से जासूसी करा रहा भारत!, रिपोर्ट में किया गया है कुछ ऐसा दावा

सांकेतिक तस्वीर

डीएनए हिंदी: भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी राजनेताओं और सेनाधिकारियों की जासूसी करने के लिए अब हैकर्स का सहारा लिया है. ये दावा एक रिपोर्ट में किया गया है. इसमें कहा गया है कि एक भारतीय कंप्यूटर हैकिंग गिरोह को इंडियन सीक्रेट सर्विस (Indian Secret Service) ने हायर किया है, जो पाकिस्तान के राजनेताओं, सैन्य जनरलों और दूसरे देशों में तैनात डिप्लोमेट्स के कंप्यूटरों व मोबाइलों को हैक कर रहे हैं. साथ ही उनकी निजी बातचीत सुनकर भारतीय एजेंसी तक पहुंचा रहे हैं. हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि हैकिंग गिरोह यह काम किस भारतीय खुफिया एजेंसी के इशारे पर कर रहा है.

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फवाद चौधरी के ईमेल अकाउंट का स्क्रीन शॉट है सबूत

जियो न्यूज के मुताबिक, संडे टाइम्स और ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म ने यह रिपोर् दी है, जिसमें सबूत के तौर पर इमरान खान (Imran Khan) की सरकार के समय सूचना मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Choudhary) के ईमेल अकाउंट का स्क्रीन शॉट साझा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, हैकर्स को फवाद के ईमेल अकाउंट में सेंध लगाने का काम 10 जनवरी को सौंपा गया था, जब पाकिस्तान में इमरान खान ही प्रधानमंत्री थे. हैकर्स ने इस दौरान फवाद चौधरी के इनबॉक्स का स्क्रीनशॉट लिया, जिसे संडे टाइम्स और ब्यूरो ने देखा है.

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मेलवेयर के जरिए कब्जाए गए कंप्यूटर

जियो न्यूज की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय हैकर्स ने न केवल पाकिस्तानी राजनेताओं बल्कि वहां की सेना के सीनियर जरनलों के कंप्यूटर्स को भी निशाना बनाया. इसके साथ ही बीजिंग, शंघाई और काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावासों के कंप्यूटरों में भी सेंध लगाई. पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) अपनी मौत से पहले इन हैकर्स के निशाने पर सबसे ज्यादा रहे. हैकर्स ने इन सभी के कंप्यूटर में घुसकर उसे अपने कब्जे में लेने के लिए कई प्रकार के मेलवेयर का इस्तेमाल किया.

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ब्रिटिश डिटेक्टिव्स भी ले रहे भारतीय हैकर्स की सेवा

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारतीय हैकर्स की मदद ब्रिटेन के पर्सनल डिटेक्टिव्स भी ले रहे हैं. इनमें से ज्यादातर लंदन शहर के हैं और हैकर्स के जरिए ब्रिटिश उद्योगपतियों, सरकारी अधिकारियों और यहां तक कि पत्रकारों को भी निशाना बनवाकर जानकारी निकाल रहे हैं. ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म और संडे टाइम्स को इस हैकिंग गिरोह के डेटाबेस की पहुंच हासिल होने पर इन साइबर अटैक की जानकारी मिली, जिनकी संख्या करीब 100 बताई जा रही है.

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फीफा वर्ल्ड कप पर आया खतरा भी इसी कारण था

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कतर (Qatar) में होने जा रहे फीफा वर्ल्ड कप (Fifa World Cup 2022) के आयोजन को भी इन्हीं हैकर्स के कारण खतरा पैदा हुआ था. इन्हीं हैकर्स की मदद से जानकारी जुटाकर कतर के आलोचकों ने वर्ल्ड कप से पहले इस खाड़ी देश के गलत कामों को उजागर करने की धमकी दी थी. 

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पहली बार किसी हैकिंग गिरोह का खुला है राज

बताया जा रहा है कि यह पहला मौका है, जब किसी हैक-फॉर-हायर गिरोह की इंटरनल वर्किंग का इस तरह राज मीडिया में लीक हुआ है. इससे कई तरह की आपराधिक साजिशें सामने आई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइटहंट (Whitehunt) नाम से संचालित होने वाले इस हैकिंग नेटवर्क का बेस इंडियन साइबर सिटी गुरुग्राम (Cyber City Gurugram) में है. इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड 31 साल का आदित्य जैन (Aditya Jain) नामक युवक है, जो खुद को साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट बताता है और ब्रिटिश अकाउंटेंसी फर्म डेलॉइट (Deloitte) के इंडियन ऑफिस में काम करता है.

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