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राजा राम | Jul 14, 2025, 08:11 PM IST
1.जानिए समोसे और जलेबी की असली जड़ें कहां से जुड़ी हैं
भारतीय खाने की बात हो और उसमें समोसा-जलेबी का नाम न आए, ऐसा शायद ही कभी होता है. इन व्यंजनों की लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में है. लोग इन्हें भारत की पहचान मानते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो खाने हम भारतीय मानते हैं, वो वास्तव में भारत से ही जुड़े हैं या नहीं? आज हम आपको दो ऐसे लोकप्रिय व्यंजनों की कहानी बताएंगे, जिनकी जड़ें भारत के बाहर से आई हैं.
2.समोसे की कहानी
समोसा आज भारत के हर कोने में मिलता है. चाहे स्कूल के बाहर की दुकान हो या रेलवे स्टेशन, समोसा हर जगह मौजूद है. लेकिन सच्चाई ये है कि इसका जन्म भारत में नहीं हुआ था. इसका नाम फारसी शब्द 'संबुसक' से आया है और यह व्यंजन मूल रूप से ईरान से आया था. पहले इसमें कीमा भरा जाता था, लेकिन भारत आने के बाद इसे आलू, मटर, पनीर और मसालों के साथ नया रूप मिला.
3.जलेबी की मिठास भी विदेशी है
जलेबी को भारत में त्योहारों और खुशियों की मिठाई माना जाता है. लेकिन इसकी शुरुआत भी भारत में नहीं हुई. इसका इतिहास मध्य पूर्व से जुड़ा है. एक अरबी रसोई की किताब ‘किताब अल ताबिख’ में ‘जलाबीह’ नामक मिठाई का जिक्र मिलता है, जो आज की जलेबी जैसी ही थी.
4.बिहार और यूपी का समोसा सबसे खास
हालांकि समोसा हर राज्य में मिलता है, लेकिन बिहार और उत्तर प्रदेश में इसका स्वाद सबसे बेहतरीन माना जाता है. यहां के हलवाइयों ने समोसे को एक नया स्वाद दिया है.
5.विदेशी व्यंजन, भारतीय पहचान
समोसा और जलेबी जैसे व्यंजन भले ही भारत की खोज न हों, लेकिन भारतीय रसोई ने इन्हें इस तरह अपनाया कि अब ये देश की पहचान बन चुके हैं. ये कहानी बताती है कि कैसे भारत ने दुनियाभर के स्वादों को अपनाकर उन्हें अपनी आत्मा दे दी.