Twitter
Advertisement

CBSE Class 10 Supplementary Result 2025: सीबीएसई ने जारी किया 10वीं का सप्लीमेंट्री रिजल्ट, 48.68% स्टूडेंट्स हुए पास

Mohammed Siraj का क्या है डाइट प्लान और कैसे रखते हैं फिट? इंग्लैंड दौरे पर फेंक दी 1000 से ज्यादा गेंदें

UPTAC Counselling 2025: यूपीटेक राउंड 2 सीट अलॉटमेंट लिस्ट जारी, uptac.admissions.nic.in पर ऐसे करें चेक

इस तरीके से डाइट में शामिल कर लिए ये 5 फल तो नसों से बाहर हो जाएगा बैड कोलेस्ट्रॉल, हार्ट भी रहेगा हेल्दी

Ayushman Card: इलाज की राह में रोड़ा, 'आयुष्मान भारत योजना' से किनारा काट रहे निजी अस्पताल, क्या है वजह?

जस्सी जैसा कोई नहीं, लेकिन सिराज किसी से कम भी नहीं, इंग्लैंड के खिलाफ बन गए मैच विनर

Satyapal Malik Networth: जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गये, जानें कितनी नेटवर्थ के थे मालिक

B.Sc से LLB और फिर गवर्नर की कुर्सी तक, जानें सत्यपाल मलिक के पास थीं कौन-कौन सी डिग्रियां?

Elon Musk से सीखें कामयाबी का फॉर्मूला, जानें वो 5 आदतें जिसने बनाया Successful

Bihar SSC CGL Vacancy 2025: BSSC ने 1481 पदों पर निकाली वैकेंसी, 18 अगस्त से भरें फॉर्म

600 फोन कॉल और 80 ईमेल...वत्सल को यूं मिली वर्ल्ड बैंक की नौकरी

वत्सल नौकरी की तलाश में थे लेकिन मंदी के कारण कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही थीं.

600 फोन कॉल और 80 ईमेल...वत्सल को यूं मिली वर्ल्ड बैंक की नौकरी

डीएनए हिंदी: अगर आप पूरी मेहमत और लगन से किसी चीज को कामयाब करने में जुट जाएं तो सफलता मिलना लगभग तय होता है. आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताने वाले हैं जिसने बुरे वक्त में भी धैर्य रखकर अपनी कोशिशें जारी रखी और बुरे वक्त को पीछे छोड़कर आज बहुत बड़ी सफलता हासिल कर ली है. SRCC से ग्रेजुएट वत्सल नाहटा की संघर्षों से भरी यह यात्रा 2020 में कोविड-19 के समय शुरू हुई थी.

वत्सल कोविड-19 के समय अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वाले थे. वत्सल नौकरी की तलाश में थे लेकिन मंदी के कारण कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही थीं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कंपनियों में सिर्फ अमेरिकी कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए दबाव बनाया था. वत्सल की पढ़ाई पूरी होने वाली थी और कोई नौकरी नहीं थी. वत्सल ने सोचा कि जब अमेरिका में नौकरी नहीं मिली तो येल आने का क्या ही फायदा. वत्सल चाहते थे कि उसकी पहली सैलरी डॉलर में हो.

यह भी पढ़ें: परिवार पालने के लिए चाय बेचने लगी मॉडल, कोविड के बाद बर्बाद हुआ करियर

वत्सल ने सोशल नेटवर्किंग शुरू की. इसके बाद करीब 1500 से ज्यादा जॉब रिक्वेस्ट भेजे, 600 ईमेल किए और करीब 80 जगहों पर फोन कॉल्स की लेकिन उसे सब जगह से ना सुनने को मिला. इसके बाद वह निराश हो गया लेकिन 2 महीने बाद वत्सल की मेहनत रंग लाई और उसे एक साथ 4 जॉब ऑफर आए जिनमें से उसने विश्व बैंक की जॉब को चुना और वह अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में काम कर रहा है. वत्सल का कहना है, मैंने इन 2 महीनों में बहुत कुछ सीखा है और 4 बहुत ही महत्व की बातें सीखी हैं पहली ये कि इस समय में मुझे नेटवर्किंग की असली ताकत का पता चल गया और दूसरी यह कि मैं अमेरिका में एक अप्रवासी के रूप में अपना रास्ता स्वंय ढूंढ सकता हूं. तीसरी बात यह कि IVY लीग की डिग्री ही मुझे आगे ले जाएगी और चौथी यह कि कोविड-19 का समय मेरे लिए विकसित होने का मौका था.

यह भी पढ़ें: Viral: शादी में खाने से पहले दिखाना पड़ा आधार कार्ड, उत्तर प्रदेश में मायूस हुए बाराती !

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement