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Mahamandaleshwar Of Kinnar Akhara: महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी, एक्ट्रेस ने आखिर क्यों चुना किन्नर अखाड़ा?

Mamta Kulkarni became Mahamandaleshwar: पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महाकुंभ में संन्यास लेने के बाद महामंडलेश्वर की उपाधि मिली है. उन्हें किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दीक्षा दी है. तो आइए जानते हैं कि आखिर ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़ा क्यों चुना.

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Mahamandaleshwar Of Kinnar Akhara: महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी, एक्ट्रेस ने आखिर क्यों चुना किन्नर अखाड़ा?

किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर ममता कुलकर्णी

एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी एक बार फिर संन्यास को लेकर चर्चा में हैं. एक समय की महान अभिनेत्री ममता लंबे समय से विदेश में थीं. इस दौरान उनका नाम कई विवादों से जुड़ा, भारत भर में घूमने के बाद उन्होंने शुक्रवार 24 जनवरी को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में भाग लेकर सांसारिक जीवन का त्याग कर दिया. संन्यासी की दीक्षा लेते ही ममता को महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई.

ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में संन्यास की दीक्षा ली थी. उन्होंने संगम घाट पर अपने हाथों से पिंडदान भी किया. शुक्रवार शाम को प्रयागराज में ममता कुलकर्णी की ताजपोशी हो गई. संन्यास लेने के बाद उन्होंने भगवा भी धारण कर लिया. संन्यास लेने के बाद उन्हें एक नया नाम भी मिला. ममता कुलकर्णी का नाम होगा- श्री यामाई ममता नंदगिरि. ममता को किन्नर अखाड़े की प्रधानाचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने संन्यास की दीक्षा दी थी.

किन्नर अखाड़े का निर्माण 2015 में हुआ था

पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री को शामिल करने से पहले किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने कहा, ''ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया जा रहा है. जैसा कि मैं आपको यह बता रहा हूं, सभी अनुष्ठान चल रहे हैं. ममता पिछले डेढ़ साल से किन्नर अखाड़े और मेरे संपर्क में थीं. 2015 में स्थापित किन्नर अखाड़ा एक हिंदू धार्मिक संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय को आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में समानता और मान्यता प्रदान करना है. अब अखाड़ा ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर नियुक्त कर अपना संदेश और प्रभाव और अधिक फैलाने की कोशिश कर रहा है.

ममता ने कहा, 'यह मेरे गुरु का आदेश था.'

जब ममता कुलकर्णी ने कहा, ''यह महादेव, महाकाली का आदेश था. यह मेरे गुरु का आदेश था. उन्होंने यही दिन चुना. मैंने कुछ नहीं किया है." भगवा पोशाक और रुद्राक्ष की माला पहने ममता कुलकर्णी की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें वह प्रयागराज के संगम घाट पर पारंपरिक 'पिंडदान' समारोह कर रही हैं. ममता कुलकर्णी ने कहा कि उन्होंने 23 साल पहले कुपोली आश्रम में जूना अखाड़े के चैतन्य गगन गिरी महाराज से दीक्षा ली थी. पहले और वह दो साल से लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में हैं.

महामंडलेश्वर बनाने पर खुद आश्चर्यचकित रह गई थी एक्ट्रेस

कभी शाहरुख खान और सलमान खान जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम कर चुकीं ममता कुलकर्णी ने कहा कि आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मेरी 23 साल की तपस्या का सम्मान किया. स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज ने मेरी परीक्षा ली, जिसमें मैं उत्तीर्ण हो गई. ममता ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि पिछले तीन दिनों से मेरी परीक्षा हो रही है. एक दिन पहले जब मुझे पता चला कि मुझे महामंडलेश्वर बनाने का निर्णय लिया गया है तो यह मेरे लिए भी आश्चर्यजनक क्षण था. ममता ने कहा कि क्योंकि किन्नर अखाड़ा सभी अखाड़ों का मध्य मार्ग है, इसलिए मैंने इसमें शामिल होने का फैसला किया.

पूर्व अभिनेत्री ने कहा, वह अब बॉलीवुड में वापस नहीं जाना चाहती थीं. उन्होंने 23 साल पहले बॉलीवुड छोड़ दिया था. अब वह स्वतंत्र रूप से मध्यम मार्ग अपना रही हैं और सनातन धर्म का प्रचार करूंगी. ममता कुलकर्णी ने उस घटना का जिक्र किया जिसने उनके महामंडलेश्वर बनने का मार्ग प्रशस्त किया. उन्होंने कहा, “एक बार स्वामी महेंद्रनाद गिरि, इंद्र भारती महाराज और एक अन्य महाराज ब्रह्मा विष्णु महेश के रूप में मेरे सामने आए. मेरे दिल ने कहा कि अगर आपने 23 साल तक तपस्या की है तो उसका सर्टिफिकेट (महामंडलेश्वर पदवी) तो बनता ही है. 

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