धर्म
इस दिन जो भी व्यक्ति महादेव की सच्चे दिल से पूजा अर्चना करता है. उनका व्रत करता है. भगवान उसकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं. वहीं सावन माह में आने वाले प्रदोष व्रत को और भी ज्यादा खास माना जाता है.
Sawan Pradosh Vrat 2025 Dates: हिंदू धर्म के व्रत और तिथियों में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को होता है, जिसमें महादेव की उपासना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति महादेव की सच्चे दिल से पूजा अर्चना करता है. उनका व्रत करता है. भगवान उसकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं. वहीं सावन माह में आने वाले प्रदोष व्रत को और भी ज्यादा खास माना जाता है. सावन महीने में इस बार दो प्रदोष व्रत रहेंगे. आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की तारीख से लेकर इनका महत्व और मिलने वाला महत्व क्या है...
हिंदू पांचांग के अनुसार, सावन का पहला प्रदोष व्रत 22 जुलाई 2025 को रखा जाएगा. इसकी शुरुआत 22 जुलाई 2025 को त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 7 बजकर 5 मिनट से होगी. इस दिन मंगलवार होने की वजह से भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा. भौम प्रदोष व्रत करने से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव में कमी आती है. इसके साथ ही हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी. वहीं सावन में भौम प्रदोष होने से इसके महत्व कई गुणा बढ़ जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का दूसरा प्रदोष 6 अगस्त 2025 को होगा. इस दिन त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 8 मिनट से होगी. यह अगले दिन सुबह 7 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में सावन का दूसरा प्रदोष व्रत 7 अगस्त 2025 को किया जाएगा. इस दिन बुधवार होने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा.
प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व होता है. प्रदोष व्रत रखने के साथ ही इस तिथि से महादेव की पूजा अर्चना करने से भक्तों की इच्छा पूर्ण हो जाती है. इस दिन व्रत करने से शिव धाम की प्राप्ति होती है.संतान की सुख की प्राप्ति है.व्यक्ति के पिछले जन्मों और वर्तमान जीवन के पाप मुक्त होता है.
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