Twitter
Advertisement

EC On Sir Issues: देश में Sir की दिशा में बड़ा कदम, चुनाव आयोग ने राज्यों को जारी किए नये दिशा निर्देश

IIT बॉम्बे में स्टूडेंट ने छत से कूदकर दी जान, कारण पता लगाने में जुटी पुलिस

Oldest Frozen Embryo Baby: विज्ञान का चमत्कार! 1994 में स्टोर किए गए भ्रूण से 30 साल बाद जन्मा दुनिया का सबसे 'बुजुर्ग नवजात' 

PM Kisan 20th Installment: पीएम किसान योजना की किस्त प्रधानमंत्री ने आज बनारस से की ट्रांसफर, पैसा आया या नहीं? 5 मिनट में चेक करें

12th फेल के लिए विक्रांत मैसी ने चार्ज की थी इतनी रकम, जानें नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले एक्टर की नेटवर्थ

कैसी होनी चाहिए Arthritis मरीजों की डाइट? जानें Uric Acid को कंट्रोल में रखने के लिए क्या खाएं, क्या नहीं

दोपहर के किन 2 घंटों के दौरान डूबने से होती है सबसे ज्यादा मौत? नदी-झरने या पूल में जाने से पहले पढ़ें ये खबर

Tatkal tickets New Rule:अब एक व्यक्ति कितने तत्काल टिकट बुक कर सकता है? जानिए रेलवे का नया नियम

Box office report: सन ऑफ सरदार या धड़क 2, ओपनिंग डे पर किस फिल्म ने की धांसू कमाई, यहां जानें

White Hair Solution: 30 मिनट में सफेद बाल होंगे परमानेंट Blackish-Brown, इन 3 पत्तियों से तैयार करें घर पर हर्बल डाई

Sawan Amavasya: 23 या 24 जुलाई किस दिन है सावन की अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और सुख-शांति के अचूक उपाय

श्रावण मास की शुरुआत से पहले आने वाली अमावस्या को पिठोरी अमावस्या कहा जाता है. मान्यता के अनुसार, इस अमावस्या को पितरों के तर्पण के लिए शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान दान-पुण्य करने से पितरों के पापों से भी मुक्ति मिलती है.

Latest News
Sawan Amavasya:  23 या 24 जुलाई किस दिन है सावन की अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त और सुख-शांति के अचूक उपाय

सावन की अमावस्या किस दिन है?

सावन की अमावस्या को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. अमावस्या के दिन नदियों में स्नान, दान और पितरों का श्राद्ध करना शुभ माना जाता है. यह अमावस्या श्रावण मास के आरंभ से पहले आती है. इस अमावस्या को दीप अमावस्या भी कहा जाता है. इस अमावस्या का विशेष महत्व है.

श्रावण मास की शुरुआत से पहले आने वाली अमावस्या को सबसे खास माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस माह में आने वाली अमावस्या को पिठोरी अमावस्या या दीप अमावस्या कहा जाता है. हिंदू धर्म में इस अमावस्या का विशेष महत्व है. क्योंकि यह अमावस्या पितरों को समर्पित होती है. अगर यह अमावस्या सोमवार को पड़े तो इसे सोमवती अमावस्या भी कहते हैं. इस साल पड़ने वाली यह अमावस्या 24 जुलाई, गुरुवार को है. इस अमावस्या को दीप अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन पितरों की पूजा के साथ-साथ दीप पूजन भी किया जाता है. इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर नदी में स्नान करते हैं. इसके बाद ध्यान करते हैं. बाद में पूजा-पाठ और दान का भी विशेष महत्व है. श्रावण अमावस्या कब है और मुहूर्त क्या है?

अमावस्या तिथि मुहूर्त

इस वर्ष अमावस्या तिथि गुरुवार, 24 जुलाई को प्रातः 2.28 बजे से प्रारम्भ होकर शुक्रवार, 25 जुलाई को दोपहर 12.40 बजे समाप्त होगी. इस बार पूजा का मुहूर्त सुबह 5.38 बजे से 7.20 बजे तक रहेगा. चर मुहूर्त सुबह 10.35 बजे तक रहेगा. अतः अमावस्या तिथि गुरुवार, 24 जुलाई को ही है.
 
अमावस्या तिथि पर शुभ योग

इस बार अमावस्या पर हर्ष योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं. इनमें गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिववास योग प्रमुख योग हैं. मान्यता है कि इस समय देवताओं की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

अमावस्या का महत्व क्या है?

श्रावण मास के आरंभ से पहले आने वाली अमावस्या को पिठोरी अमावस्या कहते हैं. क्योंकि इस दिन देवी को आटे का नैवेद्य चढ़ाने की परंपरा है. साथ ही, इस दिन सुवहसिनी संतान प्राप्ति हेतु देवी की पूजा करती हैं और संतान के उत्तम स्वास्थ्य और सुख की कामना करती हैं. इस अमावस्या को 'कुशाग्रहणी' या 'दर्भाग्रहणी' अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन वर्ष भर के लिए आवश्यक कुश यानी घास एकत्रित की जाती है. धार्मिक कार्यों में कुश घास, जिसे हम दूर्वा कहते हैं, महत्वपूर्ण मानी जाती है.

यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.

अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकx,   इंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement