धर्म
Nag Panchami Puja: नाग पंचमी के पर्व पर नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है. नागों की पूजा से भक्तों को भय, नकारात्मक ऊर्जा और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
Nag Panchami 2025 Shubh Muhurat: आज सावन माह की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है. नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा-अर्चना करने की परंपरा है. इस दिन नाग देवता की पूजा करने से भय, नकारात्मक ऊर्जा और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. हिंदू धर्म में नाग को देवता के रूप में पूजते हैं. भगवान शिव के गले में भी नागराज वासुकी लिपटे हुए हैं. आज नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा के लिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और आरती के बारे में बताते हैं.
पंचांग के अनुसार, पूजा मुहूर्त सुबह 5 बजकर 41 मिनट से 8 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा अन्य मुहूर्त प्राप्त हो रहे हैं. सुबह 09:16 से 10:55 तक, 10:55 से दोपहर 12:33 तक, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:07 से 12:59 तक, 12:33 से 02:11 तक और दोपहर 03:49 से शाम 05:28 तक पूजा मुहूर्त है.
- नाग पंचमी के दिन पूजा के लिए इन जरूरी बातों का ध्यान रखें तभी आपकी पूजा और व्रत सफल होगा. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें.
- नहाने के बाद हाथ में जल, चावल और फूल लेकर पूजा का संकल्प लें. व्रत के नियमों का पालन करें और पूजा स्थल पर लकड़ी का एक पटिया रखें.
- पटिया रख इसके ऊपर सोने, चांदी या तांबे से बनी नाग-नागिन के जोड़े रखें और विधि पूर्वक पूजा करें. नाग देवता की गाय के दूध से अभिषेक करें.
- नाग देवता को फूलों की माला अर्पित करें और रोली, अबीर, गुलाल, चावल, फूल, नारियल आदि चीजें चढ़ाएं.
आज कालसर्प दोष शांत करने का बेहतरीन मौका, नाग पंचमी पर शिवजी पर अर्पित करें ये चीजे
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्
शंखपाल धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात:काले विशेषत:
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्
नाग देवता की स्थापना के दौरान इस मंत्र का जाप करें.
आरती कीजे श्री नाग देवता की,
भूमि का भार वहनकर्ता की
उग्र रूप है तुम्हारा देवा,
भक्त सभी करते हैं सेवा
मनोकामना पूर्ण करते,
तन-मन से जो सेवा करते
आरती कीजे श्री नाग देवता की,
भूमि का भार वहनकर्ता की
भक्तों के संकट हारी की,
आरती कीजे श्री नाग देवता की
आरती कीजे श्री नाग देवता की,
भूमि का भार वहनकर्ता की
महादेव के गले की शोभा,
ग्राम देवता में है पूजा
श्वेत वर्ण है तुम्हारी ध्वजा,
दास ऊंकार पर रहती कृपा
सहस्रफनधारी की,
आरती कीजे श्री नाग देवता की
आरती कीजे श्री नाग देवता की,
भूमि का भार वहनकर्ता की
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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