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साइंस
जया पाण्डेय | Jul 20, 2025, 04:41 PM IST
1.9 जुलाई को था पृथ्वी का सबसे छोटा दिन
2020 से पृथ्वी के दिन छोटे होते जा रहे हैं. तब से क्या बदला है? वैज्ञानिक इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं. 9 जुलाई को अब तक का सबसे छोटा दिन दर्ज किया गया. यह दिन औसत दिन से कुछ मिलीसेकंड छोटा था. इस स्थिति चंद्रमा की वर्तमान स्थिति की वजह से बनी. वैज्ञानिकों ने इसे दुर्लभ घटना बताया था.
2.पृथ्वी की गति कैसे हो रही तेज?
आने वाले कुछ दिन और छोटे दिनों में से एक होंगे. चंद्रमा पृथ्वी की गति को तेज़ कर रहा है और 9 जुलाई को 24 घंटों के समय में 1.3 से 1.6 मिलीसेकंड की कमी आई. पॉपुलर मैकेनिक्स की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा ही 22 जुलाई को और फिर 5 अगस्त को भी होगा. इन तीनों में से 5 अगस्त का दिन सबसे छोटा होगा.
3.2020 से छोटा होता जा रहा है दिन
पृथ्वी के इतिहास का सबसे छोटा दिन 5 जुलाई 2024 को दर्ज किया गया था. यह जिन औसत से 1.66 मिलीसेकंड कम था. यह सुनने में भले ही बहुत छोटा लगे लेकिन यह भी 2020 में पहली बार पृथ्वी के तेज़ घूमने के समय से पूरे आधे मिलीसेकंड तेज़ था.
4.चंद्रमा की स्थिति के कारण हुई घटना
हालांकि इस साल की घटना को भूमध्य रेखा से चंद्रमा की स्थिति के कारण माना जा रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में जो छोटे दिन दर्ज किए गए थे वे घूर्णन परिवर्तन दूसरे कारणों से थे. भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, ज्वारीय बल और कई दूसरी वजहें पृथ्वी की गति को धीमा या तेज़ कर सकती हैं.
5.पृथ्वी के अंदर की कोई चीज कर रही है प्रभावित
पृथ्वी के रोटेशन में बदलाव को देखते हुए मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी के अर्थ रोटेशन एक्सपर्ट लियोनिद ज़ोटोव ने timeanddate.com को बताया कि 2022 में इस बदलाव का कारण स्पष्ट नहीं है. अधिकांश वैज्ञानिक मानते हैं कि यह पृथ्वी के अंदर की कोई चीज़ है. महासागर और वायुमंडलीय मॉडल इस विशाल acceleration की व्याख्या नहीं कर सकते.
6.क्या है निगेटिव लीप सेकेंड?
यह अचानक बदलाव 2029 में पहली बार एक लीप सेकंड घटाने के लिए दुनियाभर के टाइमकीपर्स को प्रेरित करेगा. 2024 में नेचर जर्नल में बताया गया है कि सभी घड़ियों को 2029 के आसपास एक सेकंड कम करना पड़ सकता है जिसे निगेटिव लीप सेकेंड कहा जाएगा.
7.डरने की नहीं कोई वजह
जियोफिजिस्ट डंकन एग्न्यू ने बताया कि यह एक अभूतपूर्व स्थिति है और एक बड़ी बात है. यह पृथ्वी के रोटेशन पर कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं है जिससे किसी तरह की कोई तबाही आ सके लेकिन यह ध्यान देने योग्य बात है.
8.डायनासोर युग में 23 घंटे लंबे होते थे दिन
पृथ्वी का एक दिन हमेशा से 24 घंटे का नहीं रहा है. आज पृथ्वी 86,400 सेकंड में एक रोटेशन पूरा करती है. लेकिन डायनासोर के युग के दौरान दिन 23 घंटे लंबे थे. इसी तरह कांस्य युग के दौरान औसत दिन 0.47 सेकंड छोटा था. पृथ्वी की आयु बढ़ने के साथ यह प्रवृत्ति जारी रहेगी और अब से 200 मिलियन साल बाद पृथ्वी पर दिन 25 घंटे लंबा होगा.