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लाइफस्टाइल
कम ही नहीं, अधिक सोने से भी हार्ट अटैक, मानसिक बीमारी, ब्रेन स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
शरीर के ठीक से काम करने और मानसिक शांति के लिए नींद बहुत जरूरी है. लेकिन, अगर आप जरूरत से ज्यादा सोते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. हाल ही में दावा किया गया है कि ज्यादा सोने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. क्या यह दावा सच है? हमने इस पर चर्चा के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की राय मांगी.
इस लेख में, आइए अधिक सोने के फायदे और नुकसान पर विस्तृत नज़र डालें. यानी अति किसी भी चीज़ की अच्छी नहीं होती, हर चीज़ संयम से करनी चाहिए. तो आइए जानते हैं कि कितने घंटे की नींद सेहत के लिए अच्छी होती है और कितने घंटे की नींद शरीर और दिमाग के लिए हानिकारक होती है.
नींद के और भी दावे: सच्चाई क्या है?
सोशल मीडिया पर इस वक्त एक मैसेज वायरल हो रहा है कि ज्यादा सोने से दिल और दिमाग पर गंभीर असर पड़ता है. एक स्टडी का भी जिक्र किया गया, जिसमें 35,000 लोगों पर शोध किया गया. शोध में पाया गया कि जो लोग अधिक सोते थे उनमें मस्तिष्क विकार और हृदय रोग की दर अधिक थी.
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादा सोने से शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसका सीधा असर दिमाग और दिल पर पड़ता है. दिन में बार-बार झपकी लेने से हार्मोनल चक्र अनियमित हो जाता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. अपर्याप्त नींद से थकान, मानसिक बेचैनी और खराब स्वास्थ्य हो सकता है.
नेशनल स्लीप फाउंडेशन 26-64 वर्ष की आयु के वयस्कों के लिए हर रात 7-9 घंटे और अधिक उम्र के लोगों के लिए 7-8 घंटे की नींद की सिफारिश करता है. फाउंडेशन का कनहा है कि पिछले अध्ययनों में नींद के घंटों, मौतों और हृदय संबंधी बीमारियों के बीच संबंधों की जांच की गई और ऐसा पाया गया कि कम ही नहीं ज्यादा नींद भी दिल का दौरा, स्ट्रोक और कोरोनरी हृदय रोग का खतरा बढ़ाती है.
अधिक नींद के नुकसान
उम्र के अनुसार किसे कितनी घंटे की नींद लेनी चाहिए
विशेषज्ञों का मानना है कि 13 साल की उम्र के बाद 7 से 9 घंटे की नींद पर्याप्त होती है. अधिक सोने से शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है.
अधिक सोने से रोग संभव
हृदय रोग: रक्तचाप नियंत्रित न रहने पर हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं.
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: अत्यधिक नींद से अवसाद, चिंता जैसी मानसिक समस्याएं होती हैं.
वजन बढ़ना: अत्यधिक नींद से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वसा जमा होने लगती है.
डायबिटीज: असंतोषजनक नींद के पैटर्न से रक्त शर्करा का स्तर अनियमित हो जाता है.
नींद शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन इसकी सही मात्रा बनाए रखना भी जरूरी है. इसलिए अगर आपको जरूरत से ज्यादा नींद आ रही है तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें और अपनी जीवनशैली में बदलाव करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.)
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