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भारतीय सेनाओं की तीनों विंग्स की सलामी में इतना अंतर क्यों है? जानें किसका क्या है सेल्यूट स्टाइल

क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों की सलामी अलग-अलग क्यों होती है? 99 प्रतिशत लोग नहीं जानते होंगे.

ऋतु सिंह | Jun 05, 2025, 09:06 AM IST

1. सेना, नौसेना और वायु सेना का सेल्यूट अलग क्यों होता है?

 सेना, नौसेना और वायु सेना का सेल्यूट अलग क्यों होता है?
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जब भी हम किसी सैनिक को सलामी देते हुए देखते हैं तो हमारे मन में देशभक्ति और सम्मान की भावना पैदा होती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के सलामी देने के तरीके एक-दूसरे से अलग क्यों हैं? आज हम आपको इसके पीछे की दिलचस्प वजह बताते हैं.
 

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2.सेल्यूट के पीछे परंपरा नहीं, बल्कि एक गहरी सोच और इतिहास

सेल्यूट के पीछे परंपरा नहीं, बल्कि एक गहरी सोच और इतिहास
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क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के सैनिक सलामी देते समय अपने हाथ अलग-अलग तरीके से क्यों उठाते हैं? एक जैसी वर्दी पहनने और देशभक्ति की एक जैसी भावना रखने के बावजूद तीनों सेनाएं एक-दूसरे को अलग-अलग तरीके से सलामी क्यों देती हैं? आपको बता दें कि इसके पीछे सिर्फ एक परंपरा नहीं बल्कि एक गहरी सोच और इतिहास छिपा है.
 

3.आर्मी की सलामी - सामने वाले व्यक्ति की ओर खुली हथेली

आर्मी की सलामी - सामने वाले व्यक्ति की ओर खुली हथेली
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जब भारतीय सेना के जवान सलामी देते हैं, तो उनकी हथेलियाँ ज़मीन की ओर होती हैं. आपको बता दें कि सैनिक उसी हाथ से सलामी देते हैं जिस हाथ से बंदूक या कोई और हथियार पकड़ा होता है. ऐसा माना जाता है कि यह भरोसा दिखाने का एक तरीका है. जब वे सलामी देते हैं, तो उनकी सभी उंगलियाँ खुली रहती हैं.
 

4.इसके पीछे एक और ऐतिहासिक कारण

इसके पीछे एक और ऐतिहासिक कारण
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इसके पीछे एक और ऐतिहासिक कारण है. पुराने समय में जब युद्ध तलवारों और हथियारों से लड़े जाते थे, तो हथेली नीचे की ओर दिखाने का मतलब होता था कि सैनिक के हाथ में कोई हथियार नहीं है, वह खाली हाथ है और इसलिए उस पर भरोसा किया जा सकता है.
 

5.नेवी की सलामी - हथेली अंदर की ओर होती है 

नेवी की सलामी - हथेली अंदर की ओर होती है 
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भारतीय नौसेना की सलामी दूसरी सेनाओं से थोड़ी अलग होती है. इसमें हथेली शरीर की ओर मुड़ी होती है. वह अपना दाहिना हाथ 90 डिग्री के कोण पर नीचे की ओर मोड़कर रखते हैं. आपको बता दें कि इसकी वजह नौसेना की ऐतिहासिक परंपरा में छिपी है.
 

6.क्या है नेवी के सेल्यूट का इतिहास

क्या है नेवी के सेल्यूट का इतिहास
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प्राचीन काल में जब नाविक जहाज़ों पर कड़ी मेहनत करते थे, तो उनके हाथ अक्सर गंदे और घिस जाते थे. ऐसे में वे खुले हाथों से अभिवादन करने से बचते थे, ताकि सामने वाले का अपमान न हो. इसलिए उन्होंने हथेली को अंदर की ओर करके अभिवादन करने की परंपरा अपनाई. यह तरीका आज भी सम्मान, विनम्रता और अनुशासन का प्रतीक है.
 

7.एयरफोर्स की सलामी - सीधी हथेली और 45 डिग्री का कोण पर होती है

एयरफोर्स की सलामी - सीधी हथेली और 45 डिग्री का कोण पर होती है
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भारतीय वायुसेना की सलामी सबसे स्टाइलिश और सटीक लगती है. इसमें हथेली सीधी और ज़मीन से लगभग 45 डिग्री के कोण पर उठी होती है. यह तरीका स्मार्टनेस, गति और सटीकता को दर्शाता है - बिल्कुल वायुसेना की तरह.
 
 

8.वायु सेना का ये सेल्युट क्या बताता है

वायु सेना का ये सेल्युट क्या बताता है
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वायु सेना की सलामी त्वरित, चुस्त और आत्मविश्वास से भरी होती है, जिससे पता चलता है कि उनके निर्णय भी उतने ही त्वरित और सटीक होते हैं.
 

9.तीनों सेनाओं की सलामी में इतना अंतर क्यों है?

तीनों सेनाओं की सलामी में इतना अंतर क्यों है?
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तीनों सेनाओं की कार्यशैली, इतिहास और मूल्यों के अनुसार, सलामी देने का उनका तरीका भी अलग-अलग है. थल सेना ज़मीन पर लड़ती है, नौसेना समुद्र में और वायु सेना आसमान में. उनकी ट्रेनिंग, काम करने का माहौल और परंपराएँ भी अलग-अलग हैं और यह अंतर उनकी सलामी में साफ़ दिखाई देता है.

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