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Abhay Sharma | Jul 11, 2025, 12:21 PM IST
1.क्या है शीशमहल का इतिहास?
यह ऐतिहासिक इमारत 1653 में मुगल बादशाह शाहजहां के समय बनी थी, बताया जाता है कि 1658 में यह औरंगजेब के प्रथम राज्याभिषेक का स्थल बना. बाद में इस महल को ब्रिटिश जागीर में मिला लिया गया. 1983 में इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया. तब से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इसका संरक्षण कर रहा है.
2.जर्जर हो गया था महल
बताया जा रहा है कि कई सालों की अनदेखी के बाद ये इमारत जर्जर हो गई थी. ऐसे में दिल्ली विकास प्राधिकरण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की मेहनत से इसे फिर से पहले जैसा बना दिया गया है और अब जनता के लिए खोल दिया गया है. यहां आप घूमने जाना चाहते हैं तो पहले जान लें क्या रहेगी टाइमिंग और कैसे पहुंच सकते हैं यहां..
3.क्या है टाइमिंग?
बता दें कि यह हर दिन सुबह 11:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है, आप अपने वीकेंड और सरकारी छुट्टियों पर यहां जा सकते हैं. सुबह या शाम के समय जाना बेस्ट रहेगा. बताया जा रहा है कि दिल्ली के शीश महल में एंट्री फ्री है, लेकिन अभी तक किसी आधिकारिक जगह पर एंट्री फीस की जानकारी साफ तौर पर नहीं दी गई है.
4.कैसे पहुंचें?
शीश महल शालीमार बाग के डिस्ट्रिक्ट पार्क नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में स्थित है. यह जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अच्छे से कनेक्टेड है. मेट्रो से जाना है तो शालीमार बाग स्टेशन पर उतरें, इसके अलावा जहांगीरपुरी और हैदरपुर बदली मोड़ भी पास है. वहां से आप रिक्शा या ऑटो लेकर आसानी से पहुंच जाएंगे.
5.जान लें ये जरूरी बातें
किसी भी जगह पर्यटकों से उम्मीद की जाती है कि वे इस स्मारक का सम्मान करें और साफ-सफाई बनाए रखें. बता दें कि यहां मुख्य इमारत के अंदर खाने-पीने की चीजें ले जाना मना है. अगर आप पूरा गार्डन घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आरामदायक जूते पहनकर जाएं.