Twitter
Advertisement

CBSE Class 10 Supplementary Result 2025: सीबीएसई ने जारी किया 10वीं का सप्लीमेंट्री रिजल्ट, 48.68% स्टूडेंट्स हुए पास

Mohammed Siraj का क्या है डाइट प्लान और कैसे रखते हैं फिट? इंग्लैंड दौरे पर फेंक दी 1000 से ज्यादा गेंदें

UPTAC Counselling 2025: यूपीटेक राउंड 2 सीट अलॉटमेंट लिस्ट जारी, uptac.admissions.nic.in पर ऐसे करें चेक

इस तरीके से डाइट में शामिल कर लिए ये 5 फल तो नसों से बाहर हो जाएगा बैड कोलेस्ट्रॉल, हार्ट भी रहेगा हेल्दी

Ayushman Card: इलाज की राह में रोड़ा, 'आयुष्मान भारत योजना' से किनारा काट रहे निजी अस्पताल, क्या है वजह?

जस्सी जैसा कोई नहीं, लेकिन सिराज किसी से कम भी नहीं, इंग्लैंड के खिलाफ बन गए मैच विनर

Satyapal Malik Networth: जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गये, जानें कितनी नेटवर्थ के थे मालिक

B.Sc से LLB और फिर गवर्नर की कुर्सी तक, जानें सत्यपाल मलिक के पास थीं कौन-कौन सी डिग्रियां?

Elon Musk से सीखें कामयाबी का फॉर्मूला, जानें वो 5 आदतें जिसने बनाया Successful

Bihar SSC CGL Vacancy 2025: BSSC ने 1481 पदों पर निकाली वैकेंसी, 18 अगस्त से भरें फॉर्म

तुलसी गबार्ड ने 2016 के अमेरिकी चुनाव में 'देशद्रोह की साजिश' के लिए ओबामा पर मुकदमा चलाने की मांग की

अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी टीम पर ट्रंप के खिलाफ साजिश रचने का चौंकाने वाला आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 2016 के चुनाव के बाद ट्रंप को हटाने के लिए फर्जी खुफिया जानकारी का इस्तेमाल किया गया था.

Latest News
तुलसी गबार्ड ने 2016 के अमेरिकी चुनाव में 'देशद्रोह की साजिश' के लिए ओबामा पर मुकदमा चलाने की मांग की

बराक ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों पर अभियोग चलाने की मांग की है. गबार्ड ने ओबामा पर 2016 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत में बाधा डालने और उनके राष्ट्रपति पद को कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.

तुलसी गबार्ड ने 'एक्स' पर लिखा कि ओबामा का लक्ष्य राष्ट्रपति ट्रंप को सत्ता से हटाना और अमेरिकी जनता की इच्छाशक्ति को कमज़ोर करना था. चाहे वे कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, इस साज़िश में शामिल हर व्यक्ति की पूरी जांच होनी चाहिए. कानून के अनुसार सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य की विश्वसनीयता इसी पर निर्भर करती है. हम आपराधिक जाँच के लिए सभी दस्तावेज़ न्याय विभाग (DOJ) को सौंप रहे हैं.
  
डीएनआई कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि शुक्रवार को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने ऐसे सबूत पेश किए जिनसे पता चलता है कि 2016 में हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद ओबामा और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के सदस्यों ने जानबूझकर खुफिया जानकारी को गढ़ा और उसका राजनीतिकरण किया. इसके पीछे उनका मकसद राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ तख्तापलट करना था.
 
झूठी खुफिया जानकारी के माध्यम से षड्यंत्र की नींव?

नवंबर 2016 के चुनाव से पहले, खुफिया समुदाय (आईसी) ने निष्कर्ष निकाला था कि रूस ने साइबर माध्यम से चुनाव में हस्तक्षेप करने का कोई प्रयास नहीं किया था. 7 दिसंबर, 2016 को तत्कालीन राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जेम्स क्लैपर के लिए तैयार किए गए वार्ता बिंदुओं में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि विदेशी विरोधियों ने अमेरिकी चुनाव के परिणामों को बदलने के लिए चुनाव प्रणालियों पर साइबर हमले नहीं किए थे. दो दिन बाद, 9 दिसंबर, 2016 को तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ सदस्यों ने भाग लिया. जेम्स क्लैपर, जॉन ब्रेनन, सुज़ैन राइस, जॉन केरी, लोरेटा लिंच, एंड्रयू मैककेब और अन्य प्रमुख अधिकारी मौजूद थे. इस बैठक का उद्देश्य रूस से संबंधित स्थिति पर चर्चा करना था.
 
खुफिया एजेंसियों को नई रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश

बैठक के बाद, जेम्स क्लैपर के कार्यकारी सहायक ने खुफिया समुदाय के प्रमुखों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें राष्ट्रपति ओबामा के आदेश पर एक नई खुफिया रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया, जिसमें 2016 के चुनाव को प्रभावित करने के लिए मास्को द्वारा अपनाए गए तरीकों और कदमों का विवरण दिया गया.
ईमेल में आगे कहा गया कि इस पहल का नेतृत्व ODNI द्वारा किया जाएगा और इसमें CIA, FBI, NSA और DHS शामिल होंगे.
 
डीएनआई गबार्ड के अनुसार, इसके बाद ओबामा प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने मीडिया संगठनों को जानकारी लीक की, जिसमें द वाशिंगटन पोस्ट जैसे प्रतिष्ठित संगठन भी शामिल थे, जिसमें दावा किया गया कि रूस ने साइबर माध्यम से चुनाव में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया था.

ट्रम्प की जीत पर प्रश्नचिन्ह?

6 जनवरी, 2017 को एक नया इंटेलिजेंस कम्युनिटी असेसमेंट (ICA) जारी किया गया. यह रिपोर्ट पिछले छह महीनों के IC के निष्कर्षों से पूरी तरह मेल नहीं खाती. महीनों की जाँच के बाद, यह सामने आया है कि यह नई खुफिया समीक्षा ऐसी जानकारी पर आधारित थी जिसे संबंधित अधिकारियों ने स्वयं गलत या अविश्वसनीय माना था.
 
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह रिपोर्ट राजनीतिक उद्देश्यों के लिए तैयार की गई थी. इसका इस्तेमाल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर संदेह पैदा करने, 'मुलर जांच' जैसी दीर्घकालिक जांचों का समर्थन करने, दो महाभियोगों की रूपरेखा तैयार करने, कई अधिकारियों की जाँच, गिरफ्तारी और कारावास कराने, और अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ाने के लिए किया गया था.

अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकx,   इंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement