भारत
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर स्पेन के एक अखबार ला वैनगार्डिया (La Vanguardia) में एक कार्टून छपा है. जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
डीएनए हिंदी: भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर दुनिया में चर्चा होने लगी है. पहले कोरोना और अब यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से जहां दुनियाभर की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है, वहीं, भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. इसी को लेकर स्पेन के एक अखबार (Spanish Newspaper) ला वैनगार्डिया (La Vanguardia) में एक कार्टून छपा है. जिसमें भारत की आर्थिक ग्रोथ को बीन बजाते हुए सपेरे की जरिए दर्शाया गया है. इसको लेकर अब विवाद शुरू हो गया है.
अखबार के फ्रंट पेज पर सपेरे की टोकरी से एक सांप ग्राफ पर ऊपर बढ़ता हुआ दिखाया गया है, जिसका इस्तेमाल भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को दिखाने के लिए किया गया है. यह खबर 9 अक्टूबर को स्पेनिश अखबार ला वैनगार्डिया में छपी थी. खबर की हेडलाइन में लिखा था, 'भारतीय अर्थव्यवस्था का समय' (The Hour of The Indian Economy). इसको लेकर भाजपा सांसद समेत कई दिग्गजों ने विरोध जताया है.
बीजेपी नेता ने जताया विरोध
बेंगलुरु सेंट्रल से बीजेपी सांसद पीसी मोहन ने ट्विट किया, 'भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को जहां वैश्विक पहचान मिल रही है. ऐसे में आजादी के दशकों बाद भी भारत की छवि को सपेरे के जरिए दिखाना सरासर मूर्खता है. उन्होंने आगे कहा कि विदेशी सोच को बदलना काफी मुश्किल काम है.'
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"The hour of the Indian economy" is the top story of a #Spanish weekly.
While #India's strong economy gets global recognition, portraying our image as snake charmers even after decades of independence is sheer stupidity.
Decolonising the foreign mindset is a complex endeavour. pic.twitter.com/pdXvF7n4N7— P C Mohan (@PCMohanMP) October 13, 2022
वहीं, Zerodha के सीईओ नितिन कामथ ने भी अखबार की निंदा की है. कामथ ने ट्विट कर लिखा, 'बहुत अच्छा है कि दुनिया भारतीय अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे रही है, लेकिन भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक सपेरा की तस्वीर का इस्तेमाल करना अपमानजनक है.'
"The hour of the Indian economy," says La Vanguardia, a leading Spanish daily.
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) October 13, 2022
Quite cool that the world is taking notice, but the cultural caricaturing, a snake charmer to represent India, is an insult.
Wonder what it takes for this to stop; maybe global Indian products? pic.twitter.com/YY3ribZIaq
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि जब पश्चिमी देशों की मीडिया द्वारा भारत का 'नस्लीय' चित्रण किया गया हो. विदेशी अखबारों द्वारा इससे पहले ISRO की ऐतिहासिक सफलताओं के लेकर खबरें मिलती रही हैं.
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