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भारत
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि मणिपुर हिंसा का समाधान सभी दलों को मिलकर निकालना चाहिए. सभी राजनीतिक दल अगर कोशिश करेंगे, तभी मणिपुर में कोई समाधान निकल सकेगा.
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डीएनए हिंदी: विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के नेताओं ने हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा किया है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में जातीय संघर्ष भारत की छवि को खराब कर रहा है और इसे समाप्त करने के लिए सभी दलों को एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश करनी होगी.
विपक्षी गठबंधन INDIA 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को इंफाल पहुंचा. विपक्षी दलों के सांसदों का दल तीन मई से पूर्वोत्तर राज्य में भड़की जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए कई राहत शिविरों का दौरा करेगा.
मणिपुर दौरे के बाद किसने क्या कहा?
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'हम यहां जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने और समस्या को समझने के लिए आए हैं. हम चाहते हैं कि यह हिंसा जल्द से जल्द समाप्त हो और शांति बहाल हो. मणिपुर में जो हो रहा है, उसे पूरी दुनिया देख रही है. जातीय हिंसा ने मणिपुर, पूर्वोत्तर क्षेत्र और पूरे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है. हमें शांतिपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए. हम यहां कोई राजनीति करने नहीं आए.'
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सांसद दिल्ली से विमान के जरिये मणिपुर पहुंचे. प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचने के बाद चुराचांदपुर में राहत शिविरों में रह रहे कुकी समुदाय के पीड़ितों से मिलने गया, जहां हाल में हिंसा की घटनाएं हुई हैं. प्रतिनिधिमंडल के दौरे के संबंध में एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, 'वे सुरक्षा कारणों से इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर गए. इस समय केवल एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध है, इसलिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को दो टीम में बांटा गया और हेलीकॉप्टर उन्हें पहुंचाने के लिए दो फेरे लगाएगा.'
क्या बोले गौरव गोगोई?
सूत्र ने बताया कि लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और अन्य सांसदों की एक टीम चुराचांदपुर के डॉन बॉस्को स्कूल में स्थापित एक राहत शिविर में गई. मणिपुर मामले का राजनीतिकरण करने के भारतीय जनता पार्टी के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गोगोई ने कहा, 'हमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर बहुत खुशी होती, लेकिन वह परिदृश्य में कहीं नजर ही नहीं आ रहे. उन्होंने संसद में मणिपुर को लेकर एक शब्द नहीं कहा.'
गौरव गोगोई ने कहा, 'NDA इस परिदृश्य से पूरी तरह गायब है, लेकिन इंडिया मौजूद है. इंडिया मणिपुर के लोगों के साथ खड़ा है. हम राज्य में शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.'
क्या बोले कांग्रेस सांसद?
प्रतिनिधिमंडल में शामिल और केरल से कांग्रेस के सांसद के सुरेश ने केंद्र और मणिपुर सरकार पर स्थिति से खराब तरीके से निपटने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'हम यहां जमीनी हालात का आकलन करने और हिंसा पीड़ितों से मिलने आए हैं. दिल्ली लौटने के बाद, हम अपने आकलन के आधार पर विभिन्न मुद्दों को संसद में उठाएंगे और इन मुद्दों पर केंद्र का ध्यान खींचने की कोशिश करेंगे.'
कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि BJP ध्रुवीकरण कर रही है और उसने दो परस्पर विरोधी समुदायों में से एक को समर्थन दिया है. उन्होंने कहा, 'यह राज्य में अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भाजपा द्वारा पैदा की गई समस्या है. भाजपा लोगों को जाति, धर्म और भाषा के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है.'
एमपीसीसी के सूत्र ने बताया कि इंफाल लौटने के बाद अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व वाली टीम मैतेई समुदाय के पीड़ितों से मिलने के लिए सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में एक अन्य राहत शिविर में जाएगी.
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन रहा शामिल?
इस प्रतिनिधिमंडल में चौधरी और गोगोई के अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की महुआ माजी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन के प्रेमचंद्रन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल प्रसाद हेगड़े, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के संदोश कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए ए रहीम भी शामिल हैं.
क्या बोलो मनोज झा?
राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा, 'इस खूबसूरत राज्य के लोग पिछले तीन महीने से कष्ट झेल रहे हैं. आज हम यहां कुछ कहने नहीं, बल्कि सिर्फ उनकी बात सुनने आए हैं. हम उनका दर्द महसूस करते हैं और इसीलिए हम यहां हैं.'
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क्या है कनिमोई का रिएक्शन?
कनिमोई ने कहा कि इंडिया के सांसद दोनों समुदायों के लोगों की आवाज सुनेंगे. द्रमुक नेता ने कहा, 'वे संकट में हैं और केंद्र सरकार उनकी समस्या का समाधान करने में विफल रही है. राहत शिविरों के हमारे दौरे के निष्कर्षों के साथ, हम कल सुबह राज्यपाल से मिलेंगे और मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इसके बाद हम अपने निष्कर्षों को दिल्ली ले जाएंगे और उनके अनुसार अपनी भविष्य की रणनीति तय करेंगे.'
क्या बोले शिवसेना के सांसद?
शिवसेना (UBT) के नेता और सांसद अरविंद सावंत ने प्रधानमंत्री पर संसद में मणिपुर मुद्दे पर चुप रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि वह संसद में बोलें, लेकिन उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.'
क्या है केंद्र का रिएक्शन?
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को आरोप लगाया कि इंडिया के सदस्यों का दौरा मात्र दिखावा है. BJP के सीनियर नेता ने शनिवार सुबह कोलकाता पहुंचने के बाद आरोप लगाया कि जब पूर्ववर्ती सरकारों के शासन में मणिपुर जलता था, तब उन लोगों ने संसद में एक भी शब्द नहीं कहा, जो अब पूर्वोत्तर राज्य का दौरा कर रहे हैं.
अनुराग ठाकुर ने कहा, 'जब मणिपुर महीनों बंद रहा करता था, तब उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा. जब प्रतिनिधिमंडल मणिपुर से लौट आएगा, तो इस टीम के सदस्य संसद में कामकाज नहीं होने देंगे.'
मणिपुर में क्यों भड़की थी हिंसा?
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर की आबादी में मैतेई समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं. (इनपुट: भाषा)
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