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छांगुर बाबा ने कुछ वर्षों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित कर ली है, तथा कथित तौर पर विदेशी फंडिंग और धोखाधड़ी के माध्यम से बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन को बढ़ावा दिया है. बाबा ने विशेष रूप से अनुसूचित जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निशाना बनाया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छांगुर बाबा, जिसे करीमुल्ला शाह के नाम से भी जाना जाता है, के खिलाफ एक व्यापक अवैध धर्मांतरण नेटवर्क और भारी मात्रा में अवैध धन संचय के खुलासे के बाद अवैध धन की जांच शुरू की है. अधिकारियों ने बताया कि छांगुर बाबा ने कुछ वर्षों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की है, कथित तौर पर विदेशी धन और धोखाधड़ी के माध्यम से बड़े पैमाने पर धर्मांतरण को बढ़ावा दिया। माना जाता है कि बाबा ने खासकर अनुसूचित जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को निशाना बनाया।
बता दें कि उत्तर प्रदेश एटीएस की एक विस्तृत शिकायत के बाद, ईडी ने 9 जुलाई को एक ईसीआईआर दर्ज की. इसके बाद से एजेंसी ने कथित धर्मांतरण रैकेट से जुड़े धन शोधन अपराधों की जांच शुरू कर दी है, जिसके बारे में अधिकारियों का कहना है कि यह चांद औलिया दरगाह परिसर से संचालित किया गया था.
केस फाइल के अनुसार, छांगुर बाबा ने लोगों को प्रभावित करने और इस्लाम का प्रचार करने के लिए, खासकर हिंदुओं और वंचित समुदायों के बीच, धार्मिक प्रवचनों, मनोवैज्ञानिक हेरफेर और शिजरा-ए-तैय्यबा नामक पुस्तक के प्रकाशन का इस्तेमाल किया.
ईडी ने पाया कि छांगुर बाबा ने भारतीय और विदेशी नागरिकों को शामिल करते हुए एक व्यापक नेटवर्क बनाया.उसने कथित तौर पर दरगाह पर बड़ी सभाएं आयोजित कीं और अपने कार्यों का विस्तार करने के लिए विदेशी चंदे जो कि मध्य पूर्व से आया था, का इस्तेमाल किया.
ध्यान रहे कि एटीएस ने छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को 5 जुलाई को लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया. दोनों फिलहाल 16 जुलाई तक हिरासत में हैं.अधिकारियों के अनुसार, छांगुर बाबा के 40 बैंक खाते थे जिनमें 106 करोड़ रुपये थे, जिनमें से अधिकांश धनराशि खाड़ी देशों में पाई गई.
ईडी ने एटीएस और बलरामपुर के जिला मजिस्ट्रेट से विस्तृत जानकारी मांगी है, जिसमें प्रमाणित एफआईआर प्रतियां, संबद्ध संस्थाओं की सूची, बैंक खातों का डेटा और चल-अचल संपत्तियों का रिकॉर्ड मांगा गया है. खाता विवरण एकत्र करने के लिए संबंधित बैंकों के धन शोधन निरोधक प्रकोष्ठों को भी ईमेल भेजे गए हैं.
ज़िला प्रशासन ने छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों से जुड़ी अवैध रूप से निर्मित संपत्तियों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है, जिसमें मधुपुर स्थित उनके आवास के कुछ हिस्से और अन्य सम्पत्तियां शामिल हैं.
जांच से पता चला है कि उन्होंने बहराइच-बलरामपुर क्षेत्र में आवश्यक भूमि-उपयोग परिवर्तन अनुमोदन के बिना ज़मीन खरीदी और आवासीय, व्यावसायिक और संस्थागत इमारतें बनाईं.
उत्तर प्रदेश एटीएस ने पहले एक बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफ़ाश किया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक छांगुर बाबा पर 1,500 से ज़्यादा हिंदू महिलाओं और हज़ारों अन्य गैर-मुस्लिमों को ज़बरदस्ती और प्रलोभन देकर इस्लाम धर्म अपनाने का आरोप है.
मूल रूप से बलरामपुर ज़िले के मधपुर गांव का रहने वाला, उसने कथित तौर पर धमकियों और प्रलोभनों का इस्तेमाल करके गरीब, विधवा और कमज़ोर लोगों को निशाना बनाया.
एटीएस की जांच उसके कार्यों के बारे में विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू हुई थी. कई कथित पीड़ित अभी भी सामने आने से हिचकिचा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि उसका नेटवर्क भारतीय राज्यों में फैला हुआ था और दुबई सहित अंतरराष्ट्रीय स्थानों तक पहुंच गया था.
कथित तौर पर, वह महाराष्ट्र, खासकर मुंबई के आसपास की दरगाहों से धर्मांतरण से जुड़ी गतिविधियां भी चलाता था, और अंगूठियों की बिक्री का इस्तेमाल लोगों तक पहुंचने के लिए करता था.
चांद औलिया दरगाह में वार्षिक उर्स समारोहों के दौरान, वह कथित तौर पर विदेशी मेहमानों की मेज़बानी करता था और उपस्थित लोगों को धर्मांतरण कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए फुसलाता था.
जांचकर्ताओं ने कहा कि उसका लक्ष्य बलरामपुर और आसपास के इलाकों में इस्लामिक दावा केंद्र और मदरसे स्थापित करना था ताकि क्षेत्र की जनसांख्यिकी स्थिति बदल सके. अधिकारियों ने आगे दावा किया कि उसने जांच से बचने के लिए स्थानीय पुलिस और खुफिया अधिकारियों को रिश्वत दी और असहमति जताने वालों को चुप कराने के लिए झूठे मामलों का इस्तेमाल किया.
छांगुर बाबा के बेटे नवीन उर्फ जमालुद्दीन और उनके एक अन्य सहयोगी महबूब को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था और वे लखनऊ जिला जेल में बंद हैं. नवीन ने कथित तौर पर दुबई से मिले पैसों का इस्तेमाल ज़मीन खरीदने और स्विस बैंक में खाता रखने के लिए किया था.
विदेशी धन के स्रोतों का पता लगाने के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और राष्ट्रीयजांच एजेंसी (एनआईए) के भी जांच में शामिल होने की उम्मीद है. एटीएस के अधिकारी छांगुर बाबा से ज़ब्त किए गए डिजिटल उपकरणों की जांच कर रहे हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के रिकॉर्ड और उनके व्यापक नेटवर्क का ब्योरा सामने आ सके.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छांगुर बाबा की गतिविधियों को न केवल समाज-विरोधी, बल्कि राष्ट्र-विरोधी भी बताया है. राज्य सरकार पहले ही उनके बलरामपुर स्थित आवास को बुलडोज़र से ध्वस्त कर चुकी है.
अधिकारियों ने यह भी बताया कि एक नाबालिग लड़की - नवीन और नीतू की बेटी - का दुबई में कथित तौर पर धर्मांतरण कराया गया था, हालाँकि आधिकारिक रिकॉर्ड अभी भी उसे हिंदू बताते हैं, संभवतः कानूनी परिणामों से बचने के लिए,