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Chandan Murder Case: उत्तर प्रदेश के कासगंज में छह साल पहले गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा निकालते समय सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. इसमें गोली लगने से चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी.
Chandan Murder Case: उत्तर प्रदेश के कासगंज में छह साल पहले तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान हुई हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता के मर्डर केस में शुक्रवार को NIA की विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया है. अदालत ने इस केस में 30 आरोपियों में से दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है, जबकि बाकी 28 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. पुलिस ने इस केस में 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिनके खिलाफ आरोपों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी जांच के बाद सही माना था और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. कोर्ट ने सुनवाई के बाद गुरुवार को दो आरोपियों को बरी करते हुए बाकी 28 आरोपियों को दोषी करार दिया था और अपना फैसला शुक्रवार के लिए सुरक्षित रख लिया था.
एक आरोपी की हो चुकी है मौत
एनआईए कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान इस मामले में 26 दोषी फिलहाल लखनऊ जेल में बंद हैं, जबकि एक आरोपी कासगंज जेल में बंद है. एक आरोपी की सुनवाई के दौरान ही जेल में मौत हो चुकी है. चंदन की हत्या के आरोपियों को सजा मिलने के बाद उनके पिता सुशील गुप्ता ने मीडिया बातचीत में कहा,'आज चंदन की आत्मा को शांति मिल गई है. हम कोर्ट की तरफ से मिले न्याय से पूरी तरह संतुष्ट हैं.'
घात लगाकर किया गया था तिरंगा यात्रा पर हमला
इस केस में दर्ज FIR के मुताबिक, कासगंज में 26 जनवरी, 2018 को गणतंत्र दिवस के मौके पर युवाओं का समूह तिरंगा यात्रा निकाल रहा था. इन युवकों में चंदन गुप्ता, उनके भाई विवेक गुप्ता भी शामिल थे. इस तिरंगा यात्रा पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गेट के सामने मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने हमला किया था. पहले से हथियार लेकर घात लगाकर बैठे हमलावरों ने युवकों के हाथ से तिरंगे लेकर जमीन पर फेंक दिए थे और यात्रा निकालने पर जान से मारने की धमकी दी थी.
पाकिस्तान जिंदाबाद के लगाए थे नारे
आरोप है कि हमलावरों ने तिरंगा छीनकर जमीन पर फेंकते समय पाकिस्तान जिंदाबाद और हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए थे. चंदन और उसके साथियों ने इसका विरोध किया तो हमलावरों ने उन पर पथराव करने के साथ ही फायरिंग कर दी. इसी दौरान एक आरोपी सलीम ने चंदन को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई. इस मामले में चंदन के पिता सुशील गुप्ता ने 20 आरोपियों को नामजद करते हुए FIR दर्ज कराई थी. पहले इस मामले की जांच कासगंज पुलिस ने की, लेकिन बाद में प्रदेश सरकार की सिफारिश पर यह केस NIA को सौंप दिया गया था. NIA के जांच के बाद चार्जशीट दाखिल करने पर सुनवाई शुरू हुई थी, जिसमें 12 गवाहों के बयान के आधार पर विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है.
इन आरोपियों को मिली है सजा
स्पेशल कोर्ट ने असलम कुरैशी, आसिफ जिमवाला, नसीम जावेद, निशु उर्फ जीशान, साकिब, वासिफ, बबलू, इमरान, जफर, शमशाद, साकिर, वसीम जावेद उर्फ वसीम, खालिद परवेज, मोहम्मद जाहिद कुरैशी उर्फ जाहिद उर्फ जग्गा, फैजान, आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, इमरान, साकिर, मोहम्मद आमिर रफी, शवाब अली खान, अकरम, तौफीक, खिल्लन, राहत, सलमान, मोहसिन, मुनाजिर और सलीम को उम्रकैद की सजा सुनाई है. दो आरोपियों असीम कुरैशी और नसरुद्दीन को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया है.
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