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भारत
तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव चौथे मोर्चे की कवायद करते रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले ही वह एक्टिव मोड में आ जाते हैं.
डीएनए हिंदी: तेलंगाना में साल 2023 के आखिरी महीनों में चुनाव होने वाले हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) अभी से एक्टिव मोड में आ गई है. फरवरी से राज्य में बीजेपी एक के बाद एक मेगा रैलियां करने वाली है. बीजेपी की 11,000 से ज्यादा सार्वजनिक रैलियां प्रस्तावित हैं, जिनमें पूरी नरेंद्र मोदी कैबिनेट उतरने वाली है. अगले महीने के लिए बीजेपी ने मास्टर प्लान तैयार किया है, जिससे भारत राष्ट्र समिति (BRS) के मुखिया और राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव तरुण चुघ ने बीजेपी के मास्ट प्लान के बारे में बात की है. उन्होंने कहा है, 'हम 9,000 शक्ति केंद्रों में 11,000 रैलियों के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं. फरवरी के मध्य तक, हम अपने राज्य और जिले के नेताओं द्वारा संबोधित इन जनसभाओं की रणनीति तैयार कर लेंगे.'
केसीआर को उनके गढ़ में चुनौती
के चंद्रशेखर राव हमेशा राष्ट्रीय स्तर पर चौथे फ्रंट की कवायद करते हैं. वह 2019 से ही खुद को राष्ट्रीय स्तर का नेता बनाने की कोशिशों में जुटे हैं. उनकी नीतीश कुमार, शरद पवार और ममता बनर्जी जैसे नेताओं से मिलने की सुगबुगाहट भी इसी ओर इशारा करती है. अब बीजेपी उन्हें उन्हीं के गढ़ में घेरने की तैयारी कर रही है.
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119 विधानसभाओं के लिए क्या है बीजेपी का प्लान?
बीजेपी के तेलंगाना प्रभारी तरुण चुघ ने कहा है कि बीजेपी केवल स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ ऐसी चुनावी रैलियां नहीं करने जा रही है. फरवरी के अंत में सार्वजनिक रैलियों के अगले स्तर की शुरुआत होगी. इन रैलियों में राज्य और केंद्र के दिग्गज नेताओं को उतारा जाएगा. नरेंद्र मोदी कैबिनेट भी इस रैली में उतरने वाली है.
जेपी नड्डा की बैठक के बाद तैयार हुई नई रणनीति
बीजेपी ने 7 जनवरी को एक मेगा बूथ सम्मेलन किया था. इस बैठक की अध्यक्षता जेपी नड्डा ने की थी उन्होंने राज्य के नेतृत्व को संबोधित करते हुए बूथ समितियों पर कार्यकर्ताओं को नियुक्त करने का निर्देश दिया था. जून के अंत में हैदरबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में जाएं और पार्टी को मजबूत करें.
बीजेपी को है तेलंगाना में बदलाव की उम्मीद
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में सफलता के बाद बीजेपी उत्साहित है. देश के दक्षिणी हिस्से में बीजेपी पैठ बनाने की कोशिशों में जुटी है. तेलंगाना में 2023 के अंत में चुनाव होंगे और बीजेपी खुद को सत्तारूढ़ के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) को हराने के लिए तैयार कर रही है. केसीआर के सामने अब पहले से बड़ी चुनौती है. 2018 के चुनाव में बीआरएस ने जीत हासिल की थी. 119 में से 88 सीटों पर केसीआर, 19 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी को महज 1 सीट पर जीत हासिल हुई थी. तभी से बीजेपी मजबूत रणनीति तैयार करने की कोशिशों में जुटी है.
दल-बदल का दौर शुरू, दिग्गजों के सहारे पैठ बनाएगी बीजेपी
BJP अब तेलंगाना के दिग्गज नेताओं को अपने खेमे में लाने की कोशिश कर रही है. बीते साल अक्टूबर में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के पूर्व सांसद बूरा नरसैय्या गौड़ तेलंगाना में मुनुगोड उपचुनाव से पहले BJP में शामिल हुए थे. कोमातीरेड्डी राजगोपाल रेड्डी के मौजूदा विधायक पिछले साल अगस्त में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. हालांकि, वह चुनाव हार गए थे.
एटेला राजेंदर भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं. साल 2014 से लेकर 2018 तक वह तेलंगाना के वित्तमंत्री रहे. 2019 से 2021 तक वह स्वास्थ्य मंत्री रहे. उन्होंने जून 2021 में केसीआर की पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया. उन्होंने हुजुराबाद विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में जीत हासिल की.
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