भारत
Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना के एक दिन बाद 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका दायर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाकुंभ भगदड़ के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 60 अन्य लोग घायल हुए थे. सुप्रीम कोर्ट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा.
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने यूपी सरकार की इस दलील पर गौर किया कि इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहले ही एक याचिका दायर की जा चुकी है और मौजूदा याचिका की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं की जानी चाहिए.
'यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण'
CJI संजीव खन्ना ने भगदड़ को दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुए याचिकाकर्ता एवं वकील विशाल तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख करने के लिए कहा. पीठ ने तिवारी से कहा, ‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है लेकिन आप हाईकोर्ट जाइए.’
इस मामले में सुनवाई के दौरान योगी सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए. उन्होंने कोर्ट के सामने दलील दी कि महाकुंभ भगदड़ को लेकर न्यायिक जांच शुरू की गई है.
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प्रयागराज में मची भगदड़ की घटना के एक दिन बाद 30 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में यह जनहित याचिका दायर की गई थी. संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत तिवारी द्वारा दायर याचिका में भगदड़ की घटनाओं को रोकने और अनुच्छेद 21 के तहत समानता एवं जीवन के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए दिशानिर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था.
(With PTI inputs)
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