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भारत
Uttarakhand में भीषण तबाही की आशंकाओं के बीच अब शंकराचार्य के मठ में और शिवलिंग तक में दरारें आ गई हैं.
डीएनए हिंदी: उत्तराखंड में अब साधु संत मानने लगे हैं कि यहां जरूरत से ज्यादा विकास मुसीबत बनता जा रहा है. जोशीमठ (Joshimath Tragedy) में हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं. इस तबाही की आशंकाओं के बीच अब शंकराचार्य मठ (Shankaracharya Math) में भी कई जगहों पर दरारें आ गई हैं, जिससे मठ को खतरा पैदा हो गया है. मठ के लोगों के मुताबिक पिछले 15 दिनों में ये दरारें बढ़ी हैं. मठ के प्रमुख स्वामी विश्वप्रियानंद ने इस आपदा का कारण ‘विकास’ को बताया है. इतना ही नहीं यहां शिवमंदिर धंसने लगे हैं और शिवलिंग तक में दरारें पड़ गई हैं जो कि बर्बादी का संकेत दे रही हैं.
जानकारी के मुताबिक शंकराचार्य के इस मठ के परिसर में कुछ दिनों से दरारें आनी शुरू हुई थी. मठस्थली में बना शिव मंदिर लगभग पांच इंच धंस गया है और मंदिर में स्थापित स्फटिक के शिवलिंग में भी दरारें आ गई हैं जिन्हें टेप से लपेटा गया है. बता दें कि जोशीमठ में माधवाश्रम आादि शंकराचार्य ने इस मठ को स्थापित किया था. इस मठ में वैदिक शिक्षा के लिए देशभर से विद्यार्थी आते हैं. इस समय भी इस मठ में साठ विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं.
Joshimath land subsidence | District administration distributed necessary assistance funds for essential household items to the affected families.#Uttarakhand pic.twitter.com/6YbnTBMRwR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2023
गौरतलब है कि आदि गुरु शंकराचार्य मठस्थली के भीतर ही शिवमंदिर है और मंदिर के पुजारी वशिष्ठ ब्रहमचारी बताते हैं कि इस मंदिर में वर्ष 2000 में जयपुर से एक स्फटिक का शिवलिंग ला कर स्थापित किया गया था. मठ के प्रमुख विश्वप्रियानंद ने कहा है कि 15 दिन पहले शंकराचार्य मठ में कोई दरार नहीं थी, लेकिन इन दिनों मठ में दरारें लगातार बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि विकास अब पनबिजली परियोजनाओं के रूप में विनाश का कारण बन गया है और सुरंगों ने हमारे शहर को प्रभावित किया है.
Joshimath land subsidence | Cracks observed on 603 buildings, 68 families relocated. #Uttarakhand pic.twitter.com/hoCBAvQzBY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2023
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जानकारी के मुताबिक करीब एक साल से मंदिर परिसर में दरारें आ रही थीं. तब उन्हें सामान्य दरार समझ कर सीमेंट से भरवा रहे थे और मरम्मत की जा रही थी. वहीं पिछले कुछ दिनों से यह दरारें बढ़ रही हैं और खौफनाक हो गई हैं. शिवलिंग में भी पिछले कुछ दिनों पहले दरार दिखी थी लेकिन अब वह भी बड़ी हो रही है और अब मंदिर ही सात इंच तक नीचे धंस चुका है.
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