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झारखंड के रांची में डॉक्टरों ने उस समय इतिहास रच दिया जब एक ढाई साल की बच्ची का सफल इलाज किया. ये बच्ची गाइनेकोमैस्टिया नामक बीमारी से पीड़ित थी और अब वह ठीक है.
झारखंड के रांची में डॉक्टरों के सामने एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया. यहां के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के पीडियाट्रिक्स विभाग के डॉक्टरों के सामने एक 2.5 साल की बच्ची का केस आया जिसमें 15 साल की किशोरी जैसे शारीरिक विकास हो रहा था. गाइनेकोमैस्टिया नामक बीमारी से जूझ रही ये बच्ची 3 महीने पहले धनबाद से यहां भर्ती कराई गई थी.
डॉक्टरों में बढ़ी उलझन
रिम्स के डॉक्टरों के सामने ये पहला ऐसा केस था जिसे वे डील कर रहे थे. बच्ची को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया तो डॉक्टरों को पहले उसकी परेशानी समझ ही नहीं आई. धीरे-धीरे कई किताबों के पन्ने पलटने के बाद डॉक्टरों को समझ आया कि बच्ची को गाइनेकोमैस्टिया है. इस बीमारी के चलते 2.5 साल की बच्ची में 15 साल की किशोरी जैसे शारीरिक विकास दिख रहे थे. डॉक्टरों ने इस बीमारी का सफल इलाज किया.
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हर महीने दी जाती थी हार्मोन डोज
विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पीके चौधरी का कहना है कि अक्टूबर के बाद लगातार हर महीने बच्ची को हार्मोन का डोज लगवाने के लिए रिम्स बुलाया जाता था. मंगलवार को बच्ची को तीसरे महीने का डोज दिया गया. इसके लिए जब बच्ची के माता-पिता अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर को धन्यवाद दिया. माता-पिता के लिए डॉक्टर अभी भगवान से कम साबित नहीं हो रहे हैं. डॉक्टरों ने अपनी मेहनत और लगन से एक बच्ची की जान बचाकर अपने प्रोफेशन के साथ एक बार फिर न्याय किया है.
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