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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 की एक आत्मघाती हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी. आज उनकी 34वीं पुण्यतिथि है.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज 34वीं पुण्यतिथी है. 21 मई 1991 में एक आत्मघाती गमले में राजीव गांधी की मौत हो गई थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजधानी में वीर भूमि पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'आज उनकी पुण्यतिथि पर, मैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.'
राजनीति में आने के बाद मां इंदिरा गांधी ने बेटे राजीव गांधी को सलाह दी थी. हालांकि, राजीव गांधी ने उनकी सलाह नहीं मानी. इंदिरा गांधी ने बातचीत के दौरान राजीव से कहा कि तुम दो काम बिलकुल मत करना. पहला अमिताभ बच्चन को कभी चुनावी राजनीति में मत लाना. दूसरा यदि तुम कभी प्रधानमंत्री बनो तो माधवराव सिंधिया को अपनी कैबिनेट में मंत्री मत बनाना. फोतेदार ने अपनी आत्मकथा में इस वाकये का जिक्र किया है, लेकिन उन्होंने इसके पक्ष में कोई सबूत पेश नहीं किए.
फोतेदार ने कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी से प्रभावित होकर यह बात लिखी या ऐसा वास्तव में हुआ था, इस बारे में दावे से कुछ नहीं कहा जा सकता. इतना जरूर है कि राजीव गांधी ने दोनों में से कोई सलाह नहीं मानी. इंदिरा की हत्या के बाद लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के कहने पर अमिताभ बच्चन न केवल चुनावी दंगल में कूदे, बल्कि हेमवती नंदन बहुगुणा जैसे दिग्गज को पटखनी भी दी.
इसके बाद जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने माधवराव सिंधिया को मंत्री बनाकर रेल मंत्रालय जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी. यहीं से माधवराव की पूरे देश में लोकप्रियता बढ़ने लगी. उन्होंने शताब्दी एक्सप्रेस जैसी तेज रफ्तार ट्रेनें और कंप्यूटराइज्ड टिकट प्रणाली की शुरुआत कर मध्य वर्ग को अपना मुरीद बना लिया.
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