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ओडिशा के बालासोर में एक प्रमुख सरकारी कॉलेज के वरिष्ठ संकाय सदस्य द्वारा कथित यौन उत्पीड़न और कॉलेज प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न करने के कारण परिसर में खुद को आग लगाने वाली छात्रा की मौत हो गई है.
एम्स, भुवनेश्वर में छात्रा का इलाज चल रहा था, बता दें कि अस्पताल के सूत्रों के अनुसार वह 90% से ज़्यादा जल चुकी थी. पुलिस ने अब तक इस मामले में आरोपी प्रोफेसर और कॉलेज के प्रिंसिपल समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. राज्य सरकार ने प्रिंसिपल और आरोपी संकाय सदस्य को निलंबित भी कर दिया है.
ओडिशा में खुद को आग लगाने वाली कॉलेज छात्रा की मौत पीड़िता को पहले बालासोर जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया और बाद में शनिवार को 90% से अधिक जली हुई अवस्था में उसे एम्स, भुवनेश्वर रेफर कर दिया गया.
बता दें कि छात्रा ने 1 जुलाई को अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि कॉलेज के प्रोफेसर उसका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं और कुछ दिन पहले संस्थान के अधिकारियों को लिखा था कि वह मानसिक तनाव में है और कोई बड़ा कदम उठा सकती है. छात्रा का आरोप था कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था और उसे कुछ विषयों में फेल करने और एक साल दोबारा परीक्षा देने की धमकी भी दी गई थी. छात्रा ने आरोप लगाया था कि जब से उसने यौन संबंध बनाने की उसकी मांग ठुकरा दी है, तब से आरोपी उसे परेशान कर रहा था.
घटना के बाद आरोपी सहायक प्रोफेसर को गिरफ्तार कर निलंबित कर लिया गया और राज्य सरकार ने कॉलेज के प्रिंसिपल को भी निलंबित कर दिया है. ओडिशा के बालासोर में एक प्रमुख सरकारी कॉलेज की छात्रा ने अपने प्रोफेसर द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के कारण खुद को आग लगाने के बाद सोमवार देर रात दम तोड़ दिया. अस्पताल सूत्रों ने यह जानकारी दी.
शनिवार को, कैंपस में धरना दे रही छात्रा ने प्रिंसिपल से उनके चैंबर में मिलने के कुछ ही देर बाद खुद को आग लगा ली. सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, छात्रों के एक समूह ने उसे बचाने की कोशिश की.
पीड़िता को पहले बालासोर जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया और बाद में शनिवार को 90% से ज़्यादा जली हुई हालत में उसे एम्स, भुवनेश्वर रेफर कर दिया गया. विशेषज्ञों की एक टीम एम्स, भुवनेश्वर की बर्न यूनिट में उसका इलाज कर रही थी.
एम्स, भुवनेश्वर द्वारा देर रात जारी एक बयान में कहा गया, "बर्न्स आईसीयू में गुर्दे की रिप्लेसमेंट थेरेपी सहित पर्याप्त पुनर्जीवन और सभी संभव सहायक प्रबंधन के बावजूद, उन्हें पुनर्जीवित नहीं किया जा सका और 14/07/25 को रात 11:46 बजे उन्हें चिकित्सकीय रूप से मृत घोषित कर दिया गया."
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने छात्र की मौत पर शोक व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि सरकार परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है.
"सरकार द्वारा सभी ज़िम्मेदारियों को निभाने और विशेषज्ञ चिकित्सा दल के अथक प्रयासों के बावजूद, पीड़िता की जान नहीं बचाई जा सकी. मैं उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ और भगवान जगन्नाथ से उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ," माझी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा.
माझी ने अपने पोस्ट में यह भी दोहराया कि दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. पुलिस ने अब तक इस मामले में आरोपी प्रोफेसर और कॉलेज के प्रिंसिपल समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
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