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शहापुर के प्रतिष्ठित स्कूल में मासिक धर्म को लेकर छात्राओं के साथ अपमानजनक व्यवहार की खबर सामने आ रही है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने स्कूल की प्रिंसिपल और महिला कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है और 8 लोगों पर POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के शहापुर तालुका में स्थित आर. एस. दमानिया इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल से एक बेहद निंदनीय और शर्मनाक घटना सामने आई है. दरअसल, बताया गया कि सोमवार को स्कूल के शौचालय में खून के कुछ धब्बे पाए गए, जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने अंदेशा जताया कि ये धब्बे किसी छात्रा के मासिक धर्म (पीरियड्स) के कारण हो सकते हैं. इस संदेह के आधार पर स्कूल प्रशासन ने हद पार करते हुए कक्षा 8वीं से 10वीं तक की सभी छात्राओं को बारी-बारी से बाथरूम में ले जाकर उनके कपड़े उतरवाए और उनसे पूछताछ की. यह व्यवहार न केवल अमानवीय था, बल्कि छात्राओं के सम्मान और निजता का सीधा उल्लंघन था.
इस घटना की जानकारी जब छात्राओं ने अपने माता-पिता को दी, तो पालकों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया, जिसके बाद पालक शहापुर पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गए और सड़क पर बैठकर जोरदार आंदोलन शुरू कर दिया. प्रदर्शन और शिकायत के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल की प्रिंसिपल, दो ट्रस्टी, चार शिक्षक और एक महिला सहायक, कुल 8 लोगों के खिलाफ POCSO एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. साथ ही, स्कूल की प्रिंसिपल और महिला कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मासिक धर्म कोई अपराध नहीं है. लेकिन सिर्फ खून के धब्बे मिलने पर स्कूल द्वारा इस हद तक क्रूरता करना शर्मनाक है. यह घटना न केवल अमानवीय है, बल्कि छात्राओं के स्त्रीत्व और आत्मसम्मान का घोर अपमान भी है. एक स्कूल को विश्वास और सुरक्षा का स्थान होना चाहिए. लेकिन इस घटना के बाद, स्कूल इन छात्राओं के लिए भय, शर्म और मानसिक उत्पीड़न का स्थान बन गया है. माना जा रहा है कि इस घटना के संबंध में संबंधित प्रधानाचार्य के खिलाफ पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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