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Maharashtra Politics: भाषा विवाद में CM स्टालिन ने किया ठाकरे ब्रदर्स का समर्थन, हिंदी को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

Maharashtra Language Politics: महाराष्ट्र में हिंदी को अनिवार्य किए जाने के विरोध में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर आए. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने उनका समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला.

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Maharashtra Politics: भाषा विवाद में CM स्टालिन ने किया ठाकरे ब्रदर्स का समर्थन, हिंदी को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

Maharashtra Language Politics

Maharashtra Language Politics: महाराष्ट्र में हाल ही में हिंदी भाषा को लेकर छिड़े विवाद के बीच, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. दोनों भाई 20 साल बाद एक मंच पर नजर आए, जहां उन्होंने मराठी भाषा और महाराष्ट्र की अस्मिता की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठाई. इस बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ठाकरे ब्रदर्स का समर्थन करते हुए हिंदी के अनिवार्य पढ़ाई के फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. 

मराठी भाषा की रक्षा के लिए अपना संकल्प दोहराया

महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर गहरे विवाद के बीच, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक मंच पर नजर आए. दोनों भाई करीब 20 साल बाद एक मंच पर एक साथ थे और मराठी भाषा की रक्षा के लिए अपना संकल्प दोहराया. दरअसल, महाराष्ट्र में सरकार ने तीन-भाषा नीति को लागू किया था, जिसके तहत प्राथमिक कक्षाओं में हिंदी को अनिवार्य किया गया था. इसके खिलाफ ठाकरे ब्रदर्स ने एकजुट होकर ‘मराठी की आवाज’ रैली का आयोजन किया, जिसमें तमाम मराठी जनों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. 

महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हिंदी विवाद को और तूल दे दिया है

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस संयुक्त कदम का स्वागत किया और ठाकरे ब्रदर्स की एकता की सराहना की. स्टालिन ने भी केंद्र सरकार के तीन-भाषा नीति के खिलाफ आवाज उठाई और इसे हिंदी थोपने की साजिश करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार तमिलनाडु की दो-भाषा नीति को समाप्त करने की कोशिश कर रही है. इस प्रकार, ठाकरे ब्रदर्स और स्टालिन के इस राजनीतिक गठजोड़ ने महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हिंदी विवाद को और तूल दे दिया है. 


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राजनीतिक दृष्टिकोण मराठी लोगों के हित में रहेगा

इस रैली में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए. राज ठाकरे ने स्पष्ट किया कि यह रैली किसी पार्टी के प्रचार के लिए नहीं, बल्कि मराठी भाषा और अस्मिता की रक्षा के लिए आयोजित की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि उनका राजनीतिक दृष्टिकोण मराठी लोगों के हित में रहेगा. 

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