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Bihar Politics: पशुपति ने पारस ने कहा, 'मैंने हमेशा खुद को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का साथी माना. लेकिन लगता है कि बीजेपी ने मुझे छोड़ दिया है.
बिहार में बुधवार को उस समय सियासी पारा गरमा गया जब आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के घर 'दही-चूड़ा' भोज में पहुंचे. लालू के साथ उनके बेटे तेज प्रताप यादव और राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी की भी मौजूद थे. इस मुलाकात के बाद पशुपति पारस के एनडीए से पाला बदलकर महागठबंधन में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं.
लालू यादव से जब इस बारे में पूछा गया, 'क्या पशुपति पारस का राजद, कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन में स्वागत किया जाएगा? इस पर लालू ने जवाब दिया ‘हां’. बाद में जब पारस से इस बारे में सवाल पूछे गए, तो उन्होंने कहा 'मैंने हमेशा खुद को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का साथी माना. लेकिन लगता है कि भाजपा ने मुझे छोड़ दिया है. बीजेपी हमेशा बिहार में एनडीए के पांच घटक दल होने की बात करती है, लेकिन मुझे कभी नहीं गिना जाता.
गौरतलब है कि बिहार में एनडीए का नेतृत्व बीजेपी कर रही है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की JDU, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं.
एनडीए सरकार में रहे मंत्री
पशुपति पारस ने अपने भाई रामविलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का विभाजन करके अपना एक अलग गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी बना लिया था. उस समय एलजेपी के प्रमुख रामविलास के बेटे चिराग पासवान थे. इसके बाद पारस केंद्र की एनडीए सरकार में मंत्री बन गए थे.
हालांकि, 2024 में बीजेपी ने पशुपति पारस को छोड़ चिराग पासवान के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा, जिसकी वजह से पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पारस की पार्टी को एनडीए की ओर से कोई सीट नहीं मिली.
(With PTI inputs)
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