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Tamilnadu Poisonous Liquor Death: तमिलनाडु में जहरीली शराब का शिकार हुए 100 लोगों में से 34 लोगों की मौत हो गई है. आइए समझते है कि दुनिया कैसे चल रहा है अवैध शराब का व्यापार
Tamilnadu Poisonous Liquor Death: तमिलनाडु के कल्लाकुरिची जिले में जहरीली शराब पीने 34 लोगों की मौत का मामला सामने आया है. साथ ही 60 लोगों की हालात नाजुक बताई जा रही है. राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन जांच के निर्देश भी दे दिए है. पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये की सहायता महैया कराने का वादा किया है.
क्या देशी शराब होती है अवैध?
जहरीली शराब पीने से मौत के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. लेकिन ये यही तक सीमित नहीं है बल्कि अवैध शराब का करोबार विदेशों तक फैला हुआ है. अक्सर लोग सोचते है कि देशी शराब अवैध होती है. लेकिन ऐसा नहीं सरकार द्वारा देशी शराब के भी लाइलेंस दिए जाते हैं. देशी शराब का निर्माण करते समय ध्यान रखा जाता है कि इसे पीने से किसी की सेहत को सीधे नुकसान न पहुंचे.
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शराब कैसे होती है जहरीली
असल में जो शराब बिना लाइसेंस के बनाई जाती है उसे अवैध शराब कहते है. इसे बनाने में लागत कम से कम लगाई जाती है. घटिया क्वालिटी के केमिकल का उपयोग किया जाता है और कई बार तो ये शराब सालों तक गोदाम में पड़ी रहती है. इस कारण ये जहरीली हो जाती है. जिसे पीने से तमिलनाडू जैसी दर्दनाक घटनाएं घटती हैं.
यूरोप से अफ्रीका तक फैला जहरीली शराब का व्यापार
यूरोप से अफ्रीका तक कई देश अवैध और मिलावटी शराब के इस व्यापार में लिप्त है. यूएन की शाखा- संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन ने साल 2022 में एक रिपोर्ट जारी की थी ये रिपोर्ट ये बताती है कि दुनिया एक चौथाई शराब का उत्पादन अवैध तरीके से किया जाता है. अवैध शराब देशी या अंग्रेजी कुछ कोई भी हो सकती है. इसे बनाने के पीछे कम लागत मुख्य कारण होता है.
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मेथेनॉल कैसे बनता है मौत का कारण
मेथेनॉल और इथेनॉल का मेल कई बार जानलेवा होता है. शराब बताने समय शराब में से मेथेनॉल को पूरी तरह हटाना होता है. लेकिन कई बार इसकी कुछ मात्रा शराब में छूट जाती है. कई शराब निर्माता सोचते है कि शराब में मेथेनॉल की मात्रा रखने से नशा अधिक होगा जो कि गलत है. कई बार यही शराब से मौत का कारण बनता है.
ये होते है लक्षण
जहरीली शराब पीनेवाले व्यक्ति सिरदर्द, पेट में दर्द, उल्टी आना, धुंधला दिखना और उनींदेपन की शिकायत करते हैं. एक बार लक्षण दिखने के बाद हालात बिगड़ते ही चले जाते हैं. पॉइजनिंग से दिल का दौरा पड़ने और कोमा में चले जाने से लेकर मौत भी हो सकती है.
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