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दिल्ली विधानसभा में आज CAG की 14 लंबित रिपोर्टें पेश की जाएंगी, जिनमें AAP सरकार के कार्यकाल की वित्तीय स्थिति, सरकारी परियोजनाओं और नीतियों की समीक्षा शामिल है. इस रिपोर्ट के बाद दिल्ली की राजनीति गरमा सकती है.
दिल्ली विधानसभा के मौजूदा सत्र में आज भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 लंबित रिपोर्टों को पेश किया जाएगा. ये रिपोर्टें आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न योजनाओं, वित्तीय प्रबंधन और सरकारी परियोजनाओं की समीक्षा पर आधारित हैं. भाजपा लंबे समय से इन रिपोर्टों को सार्वजनिक करने की मांग कर रही थी और इसे लेकर अदालत तक जा चुकी थी.
भाजपा ने आप सरकार पर लगाए रिपोर्ट दबाने के आरोप
भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने इन रिपोर्टों को विधानसभा में पेश करने में देरी की ताकि वित्तीय गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को छिपाया जा सके. पार्टी का दावा है कि इन दस्तावेजों में सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग और सरकारी परियोजनाओं में अनियमितताओं से जुड़ी अहम जानकारियां हैं.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि उनकी सरकार पहले ही सत्र में सभी लंबित CAG रिपोर्टों को सार्वजनिक करेगी. इनमें दिल्ली सरकार के वित्तीय मामलों, स्वास्थ्य व्यवस्था, वायु प्रदूषण नियंत्रण, शराब नीति और दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की समीक्षा शामिल है.
शीश महल विवाद पर बढ़ेगी सियासत
CAG रिपोर्ट में सबसे चर्चित मामला केजरीवाल के सरकारी आवास की मरम्मत से जुड़ा है, जिसे भाजपा ने ‘शीश महल’ करार दिया था. रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना के लिए शुरू में 7.61 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे, लेकिन 2022 तक इसकी लागत बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई, यानी 342% की अप्रत्याशित वृद्धि हुई. भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही इस मुद्दे को लेकर आप सरकार पर हमला बोल रही हैं.
CAG रिपोर्ट से दिल्ली की राजनीति में हलचल
इन रिपोर्टों के सार्वजनिक होने के साथ ही दिल्ली की राजनीति में घमासान मचने की संभावना है. भाजपा इन निष्कर्षों के आधार पर आप सरकार पर हमले तेज कर सकती है, जबकि आम आदमी पार्टी इन्हें राजनीति से प्रेरित आरोप करार दे सकती है.