भारत
भारत सरकार ने तुर्किए कंपनी सेलेबी पर एक्शन ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिया था. भारत-पाकिस्तान के तनाव के दौरान तुर्किए ने खुलकर पड़ोसी मुल्क का समर्थन किया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को तुर्किए की विमानन कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की याचिका को रद्द कर दिया. सेलेबी ने भारत सरकार द्वारा ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी की सुरक्षा मंजूरी को रद्द करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि सरकार का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा हित में है.
सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भारत के विभिन्न एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो टर्मिनल कार्यों की देखरेख करते हैं. विमानन सुरक्षा नियामक, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) ने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों का हवाला देते हुए 15 मई 2025 को सेबेबी से सुरक्षा मंजूरी वापस ले ली थी.
जस्टिस सचिन दत्ता ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने इस मामले में 23 मई को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया था.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ एक्शन
भारत सरकार ने फैसला ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिया था. जब भारत-पाकिस्तान के तनाव के दौरान तुर्किए ने खुलकर पड़ोसी मुल्क का समर्थन किया था. उसको ड्रोन भी भेजे थे. जिससे भारत में व्यापक जनाक्रोश भड़क उठा था. सरकार ने भी कड़े कदम उठाते हुए सेलेबी के कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर दिया था.
भारत सरकार ने क्या दिया था जवाब?
सेलेबी ने इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सेलेबी के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो को फैसला सुनाने से पहले कार्रवाई के कारण बताने चाहिए थे. केंद्र सरकार ने इसको लेकर 19 मई को जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया था, क्योंकि जिस तरह तुर्किए ने पाकिस्तान का समर्थन किया, उससे इन कंपनियों की सेवा जारी रखना खतरनाक साबित हो सकता था.
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