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DNA TV Show: डाबर के प्रोडक्ट्स पर अमेरिका और कनाडा में हजारों केस, जानें क्या है पूरा मामला 

Dabur India Units Face Lawsuits: आपने डाबर का नाम सुना होगा औरइस कंपनी का नाम आते ही आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी का ख्याल आता है. आयुर्वेदिक यानी प्रकृति से मिलने वाली जड़ी बूटियों से तैयार शुद्ध चीजें, जिसमें फायदे का खज़ाना छिपा है.

DNA TV Show: डाबर के प्रोडक्ट्स पर अमेरिका और कनाडा में हजारों केस, जानें क्या है पूरा मामला 

Dabur Products Lawsuits

डीएनए हिंदी: भारत में डाबर कंपनी के प्रोडक्ट एक दौर में लोकप्रिय रहे हैं. उनकी शुद्धता के कई विज्ञापन आते थे लेकिन क्या वाकई डाबर के प्रोडक्ट शुद्धता की कसौटी पर खरे उतरते हैं ? यह सवाल आज इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि डाबर की तीन सहयोगी कंपनियों के खिलाफ अमेरिका और कनाडा में कई मामले दर्ज हुए है. डाबर के कुछ ग्राहकों ने आरोप लगाए हैं कि कंपनी के हेयर प्रोडक्ट में कुछ ऐसे खतरनाक केमिकल हैं जिनसे ओवेरियन कैंसर यानी गर्भाशय का कैंसर और दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है. अमेरिका और कनाडा में डाबर की जिन सहयोगी कंपनियों पर मामले दर्ज हुए है उनके बारे में भी जान लें. 

- इनमें पहली कंपनी है Namaste Laboratories LLC
- दूसरी कंपनी है Dermoviva Skin Essentials
-और तीसरी कंपनी है Dabur International

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डाबर इंडिया की तरफ से शेयर बाजार को जो जानकारी दी गई है उसमें कहा गया है कि अमेरिका के Northern District of Illinois में इन मुकदमों को एक साथ सुना जा रहा है. 5,400 अलग-अलग केस में डाबर के खिलाफ यह दावा किया गया है कि इनके हेयर प्रोडक्ट महिलाओं में बच्चेदानी का कैंसर और गर्भाशय का कैंसर दे सकते हैं. अमेरिक और कनाडा में डाबर पर 5,400 केस चल रहे हैं और यह केस हेयर रिलैक्सर प्रोडक्ट से जुड़े हैं. हेयर रिलैक्सर यानी बालों को मुलायम बनाने, सीधा करने या दूसरे तरह के केमिकल ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोडक्ट से है. कुछ समय पहले इससे संबंधित रिसर्च हुई थी.

- दरअसल पिछले वर्ष अक्टूबर में अमेरिका के National Institute of Health की एक रिसर्च रिपोर्ट आई थी.
- रिसर्च में दावा किया गया कि बालों को सीधा और मुलायम करने वाले प्रोडक्ट में कई केमिकल होते है.
- US National Institute of Health ने केमिकल मिलने से जुड़ी ये रिसर्च ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर के बीच लिंक ढूंढने के लिए की थी.
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- रिसर्च में दावा किया गया कि केमिकल की वजह से Uterus यानी बच्चेदानी के कैंसर की शिकायतें बढ़ रही हैं.
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- इस रिसर्च में 35 से 74 वर्ष की 33 हजार चार सौ सत्तानवें अमेरिकी महिलाओं को शामिल किया गया था.
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- इस दौरान 11 वर्षों तक महिलाओं की सेहत को फॉलो किया गया, इस दौरान 378 महिलाओं में कैंसर के केस सामने आए.

रिसर्स से पता चला था कि इन प्रोडक्ट में Bisphenol A और Formaldehyde होता है.ये दोनों ही कैंसर के कारण बन सकते है.

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डॉ दीपाली भारद्वाज, त्वचा रोग विशेषज्ञ का कहना है कि रिसर्च में पाया गया कि आमतौर पर महिलाओं को 70 वर्ष की उम्र तक आते-आते 1.64% कैंसर होने की संभावना होती है. जो महिलाएं इस तरह के केमिकल वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं उनमें ये खतरा बढ़ कर 4.05% देखा गया है.

बालों की स्ट्रेटिंग कराना, बालो को डाई कराना यानि बालों को रंगना या फिर उन्हें मुलायम बनाना, ये आज एक फैशन सा बन गया है. ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट को सबसे अच्छा बताती हैं लेकिन उस प्रोडक्ट में क्या मिला है, किन-किन केमिकल का इस्तेमाल हुआ है उसको लेकर ज्यादातर लोगों का ज्ञान अधूरा होता है.

अमेरिका और कनाडा में डाबर पर जो 5,400 केस चल रहे हैं, ये केस हेयर रिलैक्सर प्रोडक्ट से जुड़े हैं. हेयर रिलैक्सर यानी बालों को मुलायम बनाने, सीधा करने या दूसरे तरह के केमिकल ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोडक्ट हैं. 

- दरअसल पिछले वर्ष अक्टूबर में अमेरिका के National Institute of Health की एक रिसर्च रिपोर्ट आई थी.
- रिसर्च में दावा किया गया कि बालों को सीधा और मुलायम करने वाले प्रोडक्ट में कई केमिकल होते है.
- US National Institute of Health ने यह रिसर्च केमिकल और ब्रेस्ट कैंसर(Breast Cancer) और Ovarian Cancer (ओवेरियन कैंसर) के बीच में लिंक ढूंढने के लिए की थी.
- रिसर्च में दावा किया गया कि केमिकल की वजह से Uterus यानी बच्चेदानी के कैंसर की शिकायतें बढ़ रही हैं.
- इस रिसर्च में 35 से 74 वर्ष की 33,497 अमेरिकी महिलाओं को शामिल किया गया था.
- इस दौरान 11 वर्षों तक महिलाओं की सेहत को follow किया गया, इस दौरान 378 महिलाओं में कैंसर के केस सामने आए.
- रिसर्च से पता चला था कि इन प्रोडक्ट में Bisphenol A और formaldehyde होता है.ये दोनों ही कैंसर के कारण बन सकते है.

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