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मजेदार बात यह है कि पाकिस्तान जिस शख्स से मदद की चाहत रखता है, वह खुद भारतीय हैं. जानें कौन हैं अजय बंगा और उनका भारतीय सेना से क्या कनेक्शन है...
भारत के साथ तनाव के चलते पाकिस्तान को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है. इसके लिए उसने वर्ल्ड बैंक का दरवाजा खटखटाया है. इतना ही नहीं पाकिस्तान चाहता है कि वर्ल्ड बैंक सिंधु जल संधि स्थगित होने को लेकर उसकी मध्यस्थता करे. मजेदार बात यह है कि पाकिस्तान जिस शख्स से मदद की चाहत रखता है, वह खुद भारतीय हैं. फिलहाल वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट अजय बंगा है जिनका भारतीय सेना के साथ खास कनेक्शन भी है.
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अजयपाल सिंह बंगा का जन्म 10 नवंबर 1959 को महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर खड़की में एक सिख परिवार में हुआ था. उनके पिता भारतीय सेना में अधिकारी थे इसलिए परिवार देश भर में घूमता रहा और उनकी पढ़ाई-लिखाई देशभर के कई स्कूलों में हुई. पढ़ाई में मेधावी होने की वजह से उन्हें कई पुरस्कार और स्कॉलरशिप मिले. साल 1981 में बंगा ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. उसके बाद उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से मैनेजमेंट में पीजी किया जो एमबीए के समकक्ष माना जाता है.
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बंगा ने अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत भारत में नेस्ले में एक ट्रेनी के रूप में की थी. जहां उन्होंने सेल्स, मार्केटिंग और जनरल मैनेजमेंट के पद संभाले और भारत में कंपनी के लिए उत्पादों और ब्रांडों को लॉन्च किया. 1994 में वे पेप्सिको के भारत में स्नैक्स डिविजन के मार्केटिंग चीफ के रूप में शामिल हुए. 1996 में बंगा सिटीग्रुप के ग्लोबल कस्टमर बैंकिंग जिविजन में चले गए और फिर 2008 में सिटीग्रुप एशिया पैसिफिक के सीईओ बन गए.
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2009 में उन्होंने सिटीग्रुप छोड़ दिया और मास्टरकार्ड में शामिल हो गए, जहां वे जुलाई 2010 में सीईओ बन गए. उनके नेतृत्व में मास्टरकार्ड एक पारंपरिक भुगतान कंपनी से विकसित होकर एक ऐसी कंपनी बन गई जिसने डेटा एनालिटिक्स का फायदा उठाया और फिनटेक को अपनाया. 2020 में बंगा को इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) का अध्यक्ष चुना गया और 2022 में वे प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक के अध्यक्ष बने. इसके बाद 2023 में उन्हें वर्ल्ड बैंक का प्रेसिडेंट बनाया गया.
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