डीएनए एक्सप्लेनर
Ludhiana Bypoll 2025: पंजाब में लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है, लेकिन इस पर नजर पूरे देश की लगी हुई है. माना जा रहा है कि इस सीट का रिजल्ट आम आदमी पार्टी (AAP) के कनवेनर अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के राजनीतिक सफर का अहम मोड़ साबित होगा. चलिए आपको इसका पूरा मतलब समझाते हैं.
Ludhiana Bypoll 2025: पंजाब में उपचुनाव हो रहा है. आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक गुरप्रीत गोगी के निधन से खाली हुई लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव आयोजित हो रहा है. गोगी की मौत इस साल जनवरी में गलती से चली गोली लगने के कारण हो गई थी. खास बात ये है कि उपचुनाव पंजाब में हो रहा है, लेकिन इस पर निगाह दिल्ली की लगी हुई है. इतना ही नहीं इस सीट पर हार-जीत के रिजल्ट को केंद्रीय राजनीति के लिहाज से भी बेहद खास माना जा रहा है. दरअसल दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) की हार के बाद यह पहला मौका है, जब आम आदमी पार्टी चुनावी फाइट में उतर रही है. हालांकि इस चुनाव के बेहद खास होने का यही इकलौता कारण नहीं है बल्कि इस सीट पर आप की तरफ से संजीव अरोड़ा को टिकट देने के कारण इस पर दिल्ली की नजरें लग गई हैं. माना जा रहा है कि आप के कनवेनर और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) इस फैसले के जरिये 'एक पंथ, दो काज' वाली कहावत सिद्ध करना चाहते हैं. एकतरफ वे राज्य सभा सांसद संजीव अरोड़ा को यहां चुनाव जिताकर विधायक बनाना चाहते हैं, वहीं संजीव की जगह खुद राज्य सभा में जाकर केंद्रीय राजनीति में अपनी जगह पक्की करना चाहते हैं. हालांकि यह राह इतनी आसान नहीं है.
जून में होगा लुधियाना वेस्ट सीट पर उपचुनाव
लुधियानाव वेस्ट विधानसभा सीट पर भारतीय चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तारीख घोषित कर दी है. इस सीट पर 19 जून को वोट डाली जाएंगी. इसके बाद 23 जून को रिजल्ट घोषित किया जाएगा. नामांकन में अभी समय है, लेकिन आप की तरफ से 26 फरवरी को ही यह घोषणा कर दी गई थी कि उसकी तरफ से राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा इस उपचुनाव में उम्मीदवार के तौर पर उतरेंगे.
दिल्ली चुनाव के नतीजे के बाद से ही पंजाब में एक्टिव हैं अरविंद
अरविंद केजरीवाल की पार्टी को दिल्ली में अपने सबसे पुराने और सबसे मजबूत गढ़ को ध्वस्त होने का दर्द सहना पड़ा है. भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को बुरी तरह मात दी है. इसमें केजरीवाल खुद भी चुनाव हार गए. इसके बाद से वे राजनीति में उतने एक्टिव नहीं दिखे हैं, जितने उससे पहले थे. हालांकि दिल्ली की हार के तत्काल बाद अरविंद केजरीवाल पंजाब में एक्टिव हो गए थे. इसके चलते बीच में ये भी अफवाहें उड़ी थीं कि केजरीवाल पंजाब में भगवंत मान को हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. हालांकि केजरीवाल इन खबरों का खंडन कर चुके हैं, लेकिन उनकी पंजाब में सक्रियता के कारण कयासों का दौर जारी था. अब लुधियाना उपचुनाव में संजीव अरोड़ा को उतारे जाने के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि केजरीवाल उनकी जगह राज्यसभा में पहुंचकर केंद्रीय राजनीति में पैठ बनाना चाहते हैं. हालांकि आम आदमी के नेता और प्रवक्ता इसका खंडन करते रहे हैं, लेकिन खुद केजरीवाल इस मुद्दे पर लगातार चुप्पी साधे हुए हैं.
क्या लुधियाना वेस्ट सीट जीत पाएगी आप?
अरविंद केजरीवाल राज्यसभा के जरिये केंद्रीय राजनीति में जा पाएंगे या नहीं, यह तो बाद की बात है. फिलहाल आप के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस उपचुनाव को जीतना है. आप ने भले ही कई महीने पहले यहां उम्मीदवार घोषित कर दिया था, लेकिन संजीव अरोड़ा के सामने तगड़ी चुनौती है. कांग्रेस ने अपने कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को मौका दिया है, जबकि शिरोमणि अकाली दल ने परुपकर सिंह घुम्मण को टिकट दिया है. भाजपा ने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन लुधियाना के पूर्व कांग्रेस नेता रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्र सरकार में मंत्री बनाकर भगवा दल जनता को अपना संदेश पहले ही दे चुका है. भारत भूषण आशु को पंजाब की AAP सरकार ने घोटाले के आरोप में जेल भेजा था. दो साल जेल में रहे आशु के खिलाफ एफआईआ को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में दिसंबर, 2024 में ही खारिज किया जा चुका है. इसके बाद से आशु लगातार आप के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं और भगवंत मान सरकार पर अपने आपको जबरन जेल भिजवाने की कोशिश का आरोप लगा चुके हैं.
बहुत बढ़िया नहीं रहा है लुधियाना में आप का प्रदर्शन
लुधियाना लोकसभा सीट के चुनाव में भी आप का बेहद खराब प्रदर्शन रहा ता. आप उम्मीदवार अशोक पराशर तीसरे स्थान पर रहे थे, जबकि पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने यह सीट जीती थी. भाजपा उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू दूसरे नंबर पर रहे थे. इस लोकसभा चुनाव में लुधियाना की 9 विधानसभा सीटों में से किसी पर भी आप उम्मीदवार बाकी उम्मीदवारों से बढ़त पर नहीं दिखे थे. 9 में से 5 शहरी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और देहातों में कांग्रेस चार सीट पर आगे थी. दिसंबर, 2024 में लुधियान नगर निगम चुनाव में भी आप बहुमत से पीछे रह गई थी. नगर निगम चुनाव में दो आप विधायकों की पत्नियां भी हार गई थीं. इस हिसाब से आप की स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं कही जा सकती है. ऐसे में यह देखना होगा कि यहां आप जीतती है या नहीं. यदि नहीं जीतती है तो क्या तब भी संजीव अरोड़ा अरविंद केजरीवाल के लिए सीट खाली करेंगे???
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