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क्या मणिपुर में अब तक सामान्य नहीं हुए हालात, महिलाओं के गुनहगारों को कब मिलेगी सजा? जानिए सबकुछ

केंद्र सरकार ने कहा है कि मणिपुर में शांति बहाल हो रही है. बीते 10 दिनों में राज्य में एक भी हत्या नहीं हुई है.

क्या मणिपुर में अब तक सामान्य नहीं हुए हालात, महिलाओं के गुनहगारों को कब मिलेगी सजा? जानिए सबकुछ

मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद धरने पर महिलाएं. (तस्वीर-PTI)

डीएनए हिंदी: विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया (INDIA) का दावा है कि मणिपुर में मैतेई और कुकी के बीच जारी हिंसक झड़पें थमी नहीं हैं. मणिपुर में हालात अब तक सामान्य नहीं हुए हैं. विपक्ष के दावे को केंद्र सरकार के अधिकारी खारिज कर रहे हैं. सरकार का कहना है कि 18 जुलाई के बाद से अब तक, राज्य में कोई हत्या नहीं हुई है.

एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया कि मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बातचीत के जरिए समझौता स्थापित करने की कोशिश की जाएगी. जल्द ही शांति और सामान्य स्थिति मणिपुर में बहाल की जाएगी. 

विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस का कहना है कि मणिपुर की हालत पर केंद्र सरकार निष्क्रिय है. सरकार का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में तीन दिन बिताए, 41 विभिन्न समूहों से मुलाकात की और राज्य में प्रमुख हिंसा स्थलों का दौरा किया. 

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मणिपुर में हालात पर क्या कह रही है सरकार?
सरकार का दावा है कि किसी मंत्री ने संसद में केवल एक बार अगस्त 1993 में जवाब दिया था जब तत्कालीन गृह राज्य मंत्री ने कुकी-नगा संघर्ष के दौरान सैकड़ों लोगों की हत्या और 350 से अधिक गांवों के प्रभावित होने के बाद बात की थी. 

अधिकारियों का कहना है कि केवल एक बार एक मंत्री, तत्कालीन गृह राज्य मंत्री राजेश पायलट ने साढ़े तीन घंटे के लिए राज्य का दौरा किया था. उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के व्यावहारिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला. 

क्या मणिपुर में मूकदर्शक बनी केंद्र सरकार? जानिए जवाब
सरकारी अधिकारी ने कहा कि मौजूदा गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 25 मई से 17 जून के बीच राज्य में 22 दिन बिताए. इस मुद्दे पर मोदी पर विपक्ष के हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हिंसा भड़कने के बाद सरकार का रुख तय करने के लिए हर दिन शाह से बात करते थे. उन्होंने कहा कि कई ऐसे भी दिन थे, जब मोदी ने गृह मंत्री से तीन बार भी बात की है. 

विपक्ष से नाराज क्यों है केंद्रीय अधिकारी?
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि विपक्ष इस मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कर रहा है और झूठी कहानी पेश कर रहा है कि मणिपुर जल रहा है. उन्होंने हिंसा में किसी भी धार्मिक नजरिये को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके बीच अविश्वास की खाई है जिसे पाटने के लिए सरकार काम कर रही है. 

मैतेई और कुकी गुटों के साथ चल रही है बातचीत
सरकारी एजेंसियां मैतेई और कुकी समूहों के साथ अलग-अलग बातचीत कर रही हैं ताकि उनकी बात सुनी जा सके और शांति तथा सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद के लिए सभी पक्षों के एक साथ बैठने से पहले उनकी मांगों पर काम किया जा सके. उन्होंने कहा कि अब तक प्रत्येक पक्ष के साथ अलग-अलग छह दौर की बातचीत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 35,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात करके सरकार मेइती और कुकी आबादी वाले क्षेत्रों के बीच एक ‘बफर जोन’ बनाने में सफल रही है.

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18 जुलाई से अब तक राज्य में नहीं हुई हत्या
सरकार का कहना है कि दोनों समुदायों के 50,000 से अधिक विस्थापित लोगों को सात मई तक सफलतापूर्वक उनके क्षेत्रों में भेज दिया गया था. उन्होंने कहा, अभी भी अशांति और हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं. लेकिन तथ्य यह कि 18 जुलाई के बाद से हिंसा में कोई भी नहीं मारा गया है, एक संदेश देता है. 

मणिपुर में महिलाओं के न्यूड परेज की जांच करेगी CBI
मणिपुर में भीड़ की ओर से महिलाओं के न्यूड परेड केस की जांच CBI केरगी. जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में इस बर्बर अपराध को करने वालों के लिए कठोरतम सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से इस मामले की सुनवाई राज्य से बाहर कराने का अनुरोध किया है. (इनपुट: भाषा)

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