डीएनए एक्सप्लेनर
डोनाल्ड ट्रंप ने एनबीसी को दिए इंटरव्यू में अपने तीसरे कार्यकाल को लेकर अपनी बात रखी है. आइए जानते हैं कि इसके लिए इन्हें किन कानूनी चुनौतियों का सामना करना होगा. पढ़िए रिपोर्ट.
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पार दूसरी बार बैठे हैं. इससे पहले वो एक बार इस पर काबिज हो चुके हैं. अब उन्होंने तीसरे टर्म में भी राष्ट्रपति बनने की अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं. उन्होंने NBC न्यूज को दिए अपने इंटरव्यू में इस बात की तश्दीक की है. ट्रंप अपने दूसरे टर्म में आते ही कई बड़े फैसले लेते हुए नजर आ रहे हैं. उन्होंने कई अहम देशों के खिलाफ टैरिफ वार छेड़ दी है. वहीं यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर लगातार एक सक्रिय मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं. वहीं उन्होंने इजराइल और हमास के युद्ध के बीच गाजा को लेकर और ग्रीनलैंड को यूएस में मिलने को लेकर भी अपने प्लान जारी किए हैं. पनामा नहर पर बड़ा फैसला ले चुके हैं. ऐसे कई कड़े निर्णय सत्ता में आने के बाद वो दिखाते हुए नजर आ रहे हैं.
ट्रंप ने जताई तीसरे टर्म की इच्छा
डोनाल्ड ट्रंप ने एनबीसी को दिए इंटरव्यू में अपने तीसरे कार्यकाल को लेकर अपनी बात रखी है. हालांकि इस दौरान उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि 'इसको लेकर कुछ बड़ा ऐलान करना शीघ्रता होगी. किंतु वो इसको लेकर सीरियस है, और वो मजाक में ये सब नहीं बोल रहे हैं.' राष्ट्रपति ट्रंप का ये स्टेटमेंट 30 मार्च को दिया गया है. इसके बाद से ये मुद्दा अमेरिकी सियासत से लेकर दुनियाभर के मीडिया में सुर्ख़ियों का विषय बन चुका है. वहीं अमेरिका में फ़िलहाल किसी भी राष्ट्रपति के लिए मैक्सिमम दो टर्म तक रहने के ही प्रावधान हैं.
क्या कहता है कानून?
अमेरिकी संविधान के 22वां संशोधन में साफ तौर पर दर्ज है कि कोई भी राष्ट्रपति अपने पद पर दो बार से ज्यादा काबिज नहीं हो सकता है. यदि उसका कार्यकाल निरंतरता के साथ दो टर्म का हो या ब्रेक के साथ हो. इस संशोधन को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1951 में अमल में लाया गया था. दूसरे विश्वयुद्ध के दौर में फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट नियम को बदलकर चार बार राष्ट्रपति बने थे. डोनाल्ड ट्रंप का पहला टर्म 2017-2021 का था, वहीं दूसरा 2025-2029 के लिए है. वहीं 2028 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान तीसरे टर्म के लिए राष्ट्रपति का चुनाव लड़ना उनके लिए क़ानूनन मुश्किल है. ये तभी संभव हो सकेगा जब संविधान में परिवर्तन लाया जाए.
क्या बदलेंगे संविधान?
संविधान में परिवर्तन लाने के लिए उन्होंने अमेरिकी सदन के दोनों हाउसेस में एक बड़ी बहुमत साबित करनी होगी, साथ ही कई और क़ानूनी और संविधानिक दांव पेंच से होकर गुजरना होगा. तीसरे टर्म के लिए ट्रंप का राष्ट्रपति बनना असंभव तो नहीं है लेकिन बड़ी कठिन राहों से होकर गुजरने जैसा है. ट्रंप इसके लिए संविधान बदलेंगे या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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