डीएनए एक्सप्लेनर
Tamil Nadu Politics: तमिलनाडु में साल 2023 में एआईएडीएमके ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था. इसके बाद दोनों दलों ने 2024 का लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा, जिसमें दोनों ही पार्टियों को खामियाजा भुगतना पड़ा.
तमिलनाडु में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होना है. लेकिन उससे पहले ही भारतीय जनता पार्टी और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने तैयारी शुरू कर दी है. दोनों दल ने एक बार फिर साथ नजर आ सकते हैं. एआईएडीएमके प्रमुख एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने इसके के संकेत दिए हैं. पलानीस्वामी से जब बीजेपी के साथ गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया. पलानीस्वामी ने कहा कि राजनीति में कोई किसी का स्थाई दुश्मन नहीं होता. राजनीति में समय के हिसाब से चलना पड़ता है. आप लोग 6 महीने का इंतजार कीजिए.
एआईएडीएमके पहले एनडीए का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन साल 2023 में बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों के बाद दोनों दलों के बीच तल्खी आ गई थी. मामला इतना बढ़ गया था कि AIADMK को गठबंधन तोड़ने का ऐलान करना पड़ा. इसकी मुख्य वजह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई की पूर्व मुख्यमंत्री अन्नादुरई को लेकर दिया बयान था. अन्नामलाई ने दावा किया था कि साल 1956 में अन्नादुरई ने एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू धर्म का अपमान किया था. इसकी वजह से उन्हें काफी दिन तक छिपकर रहना पड़ा था. आखिरी में उन्हें माफी मांगनी पड़ी.
किस वजह से टूटा गठबंधन
बीजेपी नेता के इस बयान बाद AIADMK तिलमिला गई और उसने अन्नामलाई खिलाफ मोर्चा खोल दिया. दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग इतनी बढ़ गई कि आखिरकार गठबंधन टूट गया. लेकिन इस गठबंधन के टूटने से दोनों ही दलों को नुकसान हुआ. 2024 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके और बीजेपी का वोट प्रतिशत को बड़ा, लेकिन एक भी सीट जीतने में नाकाम रही.
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2024 लोकसभा चुनाव में AIADMK गठबंधन को 23 फीसदी, जबकि भाजपा गठबंधन को 18 प्रतिशत वोट मिले. वहीं इंडिया गठबंधन ने कुल 46.97 फीसदी वोट हासिल किए. इन चुनावी आंकड़ों से पता चलता है कि अगर एआईएडीएमके और बीजेपी ने गठबंधन नहीं तोड़ा होता तो तमिलनाडु में उनकी स्थिति कुछ और होती. लेकिन 3 साल बाद दोनों पार्टियों को यह बात शायद समझ आ गई है. उन्हें पता है कि अगर तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज होना है तो गठबंधन ही एक रास्ता है.
BJP से अलग लड़ने में AIADMK को भी नुकसान
2021 के विधानसभा में DMK ने 37.70% वोट हासिल किए थे, जबकि एआईएडीएमके को 33.29% वोट मिले थे. AIADMK के साथ गठबंधन में बीजेपी के खाते में 2.62 फीसदी वोट गए और 4 विधानसभा सीटें जीती थीं. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी भले ही एक भी सीट नहीं जीत पाई हो लेकिन उसका वोट प्रतिशत 11.24 हो गया. जबकि एनडीए से अलग होने के बाद एआईएडीएमके का वोट प्रतिशत खिसकर 20.46% पहुंच गया. विधानसभा चुनाव के मुकाबले उसे 12.5 फीसदी का नुकसान हुआ.
वोट शेयर के हिसाब से देखें तो बीजेपी एआईएडीएमके से ज्यादा तेजी से बढ़ी है. 2019 के चुनाव में बीजेपी को 3.6 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन 2024 चुनाव में उसे 11.24 फीसदी वोट मिले. बीजेपी ने इस मामले में डीएमके की मुख्य सहयोगी कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया, जिसे 10.67% वोट मिले. भाजपा भी इस चुनाव में इस दक्षिण राज्य में पैर जमाने के लिए गठबंधन करने का प्रयास करेगी.
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