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उफान मारती यमुना के कारण पीने के पानी के लिए तरसेंगे दिल्लीवाले? जानें क्यों होने जा रहा ऐसा

Delhi Floods: दिल्ली में यमुना नदी के जल स्तर ने बुधवार को ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड बनाया था, जो गुरुवार को एक ही दिन बाद टूट गया है.

उफान मारती यमुना के कारण पीने के पानी के लिए तरसेंगे दिल्लीवाले? जानें क्यों होने जा रहा ऐसा

Delhi Water Crisis

डीएनए हिंदी: Delhi Water Supply Updates- दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके चलते देश की राजधानी का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ से जूझ रहा है, लेकिन अब हालात और ज्यादा बुरे होने जा रहे हैं. दिल्ली में भले ही हर तरफ पानी-पानी दिख रहा हो, लेकिन राजधानी के नागरिकों को उफनती हुई यमुना नदी के चलते भयंकर जल संकट का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल यमुना नदी के जल स्तर के लगातार नए रिकॉर्ड बनाने के कारण कई अहम वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स बंद करने पड़े हैं, जिनसे दिल्ली के एक बड़े हिस्से को वाटर सप्लाई की जाती है. हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़े जा रहे पानी में कमी लाने के लिए हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है. 

दिल्ली में बाढ़ के मौजूदा हालात क्या हैं, सरकार क्या कोशिश कर रही है और क्या अहम प्रभाव पड़ने वाला है, यह सारी जानकारी इन 8 पॉइंट्स में जानिए.

1. यमुना नदी रोजाना छू रही नया रिकॉर्ड लेवल

यमुना नदी के जल स्तर ने बुधवार को 207.55 मीटर का आंकड़ा छू लिया था, जो दिल्ली में नदी का आज तक का सबसे बड़ा जल स्तर था. इससे पहले 1978 में यमुनान ने 207.48 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था. बुधवार को बनाया ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड यमुना नदी ने एक ही दिन में तोड़ दिया. गुरुवार सुबह दिल्ली में यमुना का जल स्तर 208.48 मीटर दर्ज किया गया था, जिसके रात तक और ज्यादा बढ़ने की संभावना है. इसके चलते दिल्ली के यमुना से सटे सभी इलाके डूबने लगे हैं. बाढ़ के पानी से आउटर रिंग रोड झील की तरह दिखने लगी है, जबकि पानी लाल किला, ITO, पुराना किला और ISBT कश्मीरी गेट तक पहुंच गया है. पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन जाने वाले रास्ते भी डूब गए हैं. यमुना के खादर में दूर-दूर तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. बाढ़ के चलते तमाम ट्रैफिक डायवर्जन लागू करने पड़े हैं और हैवी व्हीकल्स की दिल्ली में यमुना से सटे बॉर्डर्स से एंट्री बंद कर दी गई है.

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2. यमुना के पानी से क्यों पैदा हो गया है वाटर सप्लाई संकट?

यमुना नदी का पानी दिल्ली में वाटर सप्लाई करने वाले तीन ट्रीटमेंट प्लांट में घुस गया है. इन प्लांट्स में यमुना के बाढ़ के पानी के साथ बड़े पैमाने पर मिट्टी की गाद भी आ गई है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला स्थित तीनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा है. इसके चलते अगले 2 से 3 दिन तक यदि यमुना का पानी कम नहीं होता है तो दिल्ली में लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा है कि यमुना का जल स्तर घटते ही ये प्लांट्स चालू कर दिए जाएंगे. बता दें कि इन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स से दिल्ली के करीब 30 लाख घरों में पानी की सप्लाई होती है, जो अब ठप हो गई है. इन प्लांट्स से ही राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट जैसी अहम जगहों पर भी पानी की सप्लाई होती है.

3. हालात से निपटने के लिए सरकार ने उठाए हैं क्या कदम

राजधानी में उपजे हालात को देखते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थ. इस मीटिंग में हालात पर चर्चा की गई. DDMA के वाइस-चेयरमैन के तौर पर केजरीवाल भी मीटिंग में मौजूद थे. मीटिंग के बाद स्कूलों में रविवार तक छुट्टी घोषित कर दी गई है, जबकि अति आवश्यक कार्यों वाले सरकारी दफ्तरों को छोड़कर बाकी सभी में वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया गया है. निजी कंपनियों व संस्थानों को भी वर्क फ्रॉम होम मोड में काम करने के लिए कहा गया है. राजधानी में बाढ़ प्रभावित इलाकों में CRPC की धारा 144 लागू कर दी गई है. साथ ही सभी पुलिस स्टेशनों को अलर्ट मोड में रहने के लिए कहा गया है.

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4. केंद्र सरकार से की है मुख्यमंत्री ने अपील

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना नदी में आ रहे बहुत ज्यादा पानी से निपटने के लिए केंद्र सरकार की मदद मांगी है. उन्होंने दिल्ली में बाढ़ का कारण हरियाणा के हथिनीकुंड से बहुत ज्यादा पानी रिलीज करने को बताया है. केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी को कंट्रोल कराने का आग्रह किया है. उन्होंने आगामी G20 समिट को ध्यान में रखते हुए राजधानी की प्रतिष्ठा की सुरक्षा करने की जरूरत गृह मंत्री के सामने जताई है. 

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5. दिल्ली में बढ़ रहा है लगातार खतरनाक बाढ़ आने का क्रम

दिल्ली में पहली बार बाढ़ नहीं आई है. देश की राजधानी में पहले भी बड़े पैमाने पर खतरनाक बाढ़ आने का ट्रेंड रहा है, जिनसे बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. यदि 1963 से 2010 के बीच का डाटा देख जाए तो सितंबर में आने वाली बाढ़ का ट्रेंड रहा है. यमुना नदी पर बांधों की कमी के कारण मानसून सीजन में बहकर आने वाला बहुत ज्यादा पानी लगातार बाढ़ साथ लेकर आता रहा है. इस बार जुलाई में ही इतनी बड़ी बाढ़ आ गई है, जिससे मौजूदा हालात ज्यादा चिंताजनक लग रहे हैं. 

6. क्या है मौसम के संकेत और क्या हो सकता है खतरा

भारतीय मौसम विभाग (IMD) का अनुमान है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में अभी कुछ दिन भारी बारिश के आसार हैं. इससे यमुना नदी का पानी और ज्यादा बढ़ने की आशंका है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में पहले ही हालिया भारी बारिश के कारण नदियां ओवरफ्लो हो रही हैं, जिनसे बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान हुआ है. दिल्ली में भी इस बार जुलाई में साल 1982 के बाद की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है, जिससे बाढ़ के हालात और ज्यादा विकट हुए हैं.

7. दिल्ली में अब तक पड़ चुका है ये प्रभाव

दिल्ली में बाढ़ के कारण पहले ही निचले इलाकों में रहने वाले 41,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं. इन्हें दिल्ली सरकार ने उनके घरों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है, लेकिन बाढ़ के कारण इनकी संपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. हालांकि इनमें से ज्यादातर लोग नदी के बहाव के एरिया में अतिक्रमण करके बसे हुए थे. दिल्ली के अंदर भी बहुत सारी जगह भारी बारिश से हुए जलभराव के कारण सड़कें बैठ गई हैं और कुएं जैसे सिंकहोल बन गए हैं. दिल्ली के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, बाढ़ का सबसे ज्यादा असर दिल्ली के उत्तरपूर्वी, पूर्वी, मध्य और दक्षिणपूर्वी जिलों में हुआ है.

8. दिल्ली को बचाने के लिए छोड़े पानी से डूबे यूपी-हरियाणा

दिल्ली में यमुना के अंदर जल स्तर कम करने के लिए ओखला बैराज से पानी कंट्रोल तरीके से रिलीज किया गया है. इसका असर उत्तर प्रदेश और हरियाणा के इलाकों में हुआ है. फरीदाबाद में कई जगह पानी भरने की सूचना है, जबकि मथुरा और आगरा में भी निचले इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं. 

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