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आप और केजरीवाल पर नसीहत कभी बाद में, पहले कांग्रेस के दामन पर लगे दाग देखें प्रियंका!

प्रियंका गांधी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक के सहयोगी आप की हार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लोग तंग आ चुके हैं और उन्होंने बदलाव के लिए वोट दिया है. सवाल ये है कि प्रियंका अपनी पार्टी के लिए क्यों नहीं कुछ बोलीं.

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आप और केजरीवाल पर नसीहत कभी बाद में, पहले कांग्रेस के दामन पर लगे दाग देखें प्रियंका!

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने दिल्ली में इंडिया ब्लॉक की सहयोगी आप की करारी हार पर नीति और ज्ञान की बातें कर प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के लोग तंग आ चुके हैं और उन्होंने बदलाव के लिए वोट दिया है. भाजपा के शानदार प्रदर्शन के साथ जीत की ओर बढ़ने पर प्रियंका गांधी ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि विपक्ष को कड़ी मेहनत करने और 'जमीन पर बने रहने'की जरूरत है.

दिल्ली विधानसभा चुनावों पर अपनी  प्रतिक्रिया देते हुए प्रियंका वाड्रा ने इस बात पर भी बल दिया कि, 'सभी बैठकों से यह स्पष्ट था कि लोग बदलाव चाहते थे. उन्होंने बदलाव के लिए वोट दिया. जीतने वालों को मेरी बधाई। हममें से बाकी लोगों के लिए, इसका मतलब बस इतना है कि हमें कड़ी मेहनत करनी है, जमीन पर बने रहना है और लोगों के मुद्दों के प्रति उत्तरदायी होना है. '

ध्यान रहे कि भाजपा ने 37 सीटें हासिल कर ली थीं और 11 अन्य पर आगे चल रही थी, जिससे 27 साल बाद दिल्ली में उसकी सत्ता में वापसी पक्की हो गई.

माना जा रहा है कि यह प्रदर्शन आप और नई दिल्ली सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा के हाथों हार का मुंह देखने वाले केजरीवाल के लिए एक बड़ा झटका इसलिए भी है, क्योंकि यही वो लोग थे जिन्होंने लगातार तीन बार दिल्ली पर शासन किया.

इंडिया ब्लॉक का सहयोगी होने के बावजूद, कांग्रेस और आप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा, और नतीजा ये निकला कि इससे न तो कांग्रेस को फायदा हुआ और न ही आम आदमी पार्टी को. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की इस हार पर यूं तो कहने बताने के लिए कई बिंदु हैं मगर जिस विषय पर बात होनी चाहिए वो आप न होकर कांग्रेस है.  

परिणाम सामने आने के बाद भले ही प्रियंका ज्ञान की बड़ी बड़ी बातें कर रही हों लेकिन उन्हें इस बात का आंकलन जरूर करना  चाहिए कि ये हार उनकी पार्टी के लिए भी कम अपमानजनक नहीं है.  प्रियंका को समझना चाहिए कि कांग्रेस को राजधानी में लगातार तीसरी बार हार का सामना करना पड़ा, 2015 और 2020 के चुनावों की तरह एक भी सीट जीतने में विफल रही है. 

2025 दिल्ली विधानसभा चुनावों में अगर आम आदमी पार्टी ने इतनी ख़राब परफॉरमेंस दी तो इसकी एक बड़ी वजह कांग्रेस भी रही. परिणामों का अवलोकन करें तो मिलता है कि इस चुनाव में कांग्रेस वोट कटवा की भूमिका में रही है जिसने अगर किसी को नुकसान पहुंचाया तो वो सिर्फ आप है.  

बताते चलें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप के कई वरिष्ठ नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा, जो एक दशक से अधिक समय तक राजधानी पर राज करने वाली पार्टी के लिए एक बड़ा झटका था. अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा से हार गए, जबकि मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज जैसे प्रमुख नेता भी जीत हासिल करने में विफल रहे.

आप के लिए एकमात्र उम्मीद की किरण आतिशी से मिली, जो कालकाजी सीट को बरकरार रखने में सफल रहीं, जो अन्यथा निराशाजनक प्रदर्शन में थोड़ी सांत्वना प्रदान करती है. जिक्र अगर आप के हारने की वजहों का हो तो चाहे वो पार्टी के नेतृत्व से जुड़े विवाद हों या फिर शराब नीति मामला और शीशमहल विवाद इन सभी ने केजरीवाल की 'स्वच्छ राजनीति' की छवि को बहुत नुकसान पहुंचाया.

इन तमाम मुद्दों ने न केवल उनकी व्यक्तिगत हार में भूमिका निभाई, बल्कि दिल्ली में आप के समग्र पतन में भी योगदान दिया, जिससे भाजपा की व्यापक जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ.

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