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डीएनए मनी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इससे कुछ महीने पहले ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) उनके मूल वेतन का 50% पार कर गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 जनवरी, 2025 को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बदलाव के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. इससे करीब 65 लाख पेंशनर्स को भी फायदा होगा. इसमें न केवल कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी, बल्कि महंगाई भत्ते (DA) में भी बदलाव होगा.
सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी
8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी कितनी बढ़ेगी यह अभी तक साफ नहीं हुआ है. हालांकि वेतन वृद्धि का सटीक प्रतिशत नहीं बताया गया है, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि फिटमेंट फैक्टर - वेतन और पेंशन निर्धारित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्रमुख गुणक - 2.57 से 2.86 तक बढ़ सकता है. अगर फिगमेंट फैक्टर 2.86 होता है तो न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकता है.
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है
फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण तत्व है जिसका उपयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संशोधित वेतन और पेंशन राशि की गणना में किया जाता है. यह गुणन गुणांक के रूप में कार्य करता है, जिसका इस्तेमाल कर्मचारियों के मौजूदा वेतन को नए वेतन में बदलने के लिए किया जाता है. फिटमेंट फैक्टर एक संख्या होती है जिसका गुणा कर्मचारी के मौजूदा बेसिक पे से किया जाता है. इस गुणा के बाद जो संख्या आती है, वह कर्मचारी का नया बेसिक पे हो जाता है.
सातवें वेतन आयोग के तहत, फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसके कारण छठे वेतन आयोग के तहत केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया. मूल वेतन में भत्ते, भत्ते और प्रदर्शन वेतन शामिल नहीं हैं. जब महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), परिवहन भत्ता (टीए) और अन्य लाभों को शामिल किया जाता है, तो सातवें वेतन आयोग के तहत कुल न्यूनतम वेतन 36,020 रुपये प्रति माह हो जाता है.
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