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कनाडा सरकार में एक पूर्व सिख कैबिनेट मंत्री ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक 'मूर्ख' कहा और आरोप लगाया कि उन्होंने कभी यह नहीं समझा कि कनाडा में अधिकांश सिख 'धर्मनिरपेक्ष' हैं और उसका खालिस्तान जैसी चीज से कोई लेना-देना नहीं है.
कनाडा सरकार में एक पूर्व सिख कैबिनेट मंत्री ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक 'मूर्ख' कहा और आरोप लगाया कि उन्होंने कभी यह नहीं समझा कि कनाडा में अधिकांश सिख 'धर्मनिरपेक्ष' हैं और उसका खालिस्तान जैसी चीज से कोई लेना-देना नहीं है. ब्रिटिश कोलंबिया के पूर्व एनडीपी प्रमुख उज्जल दोसांझ ने कहा कि ट्रूडो के दृष्टिकोण ने 'खालिस्तानी चरमपंथियों को बढ़ावा दिया है और उदारवादी दृष्टिकोण वाले कनाडा के सिखों में भय पैदा किया है.'
78 साल के नेता ने रविवार को कनाडाई अखबार नेशनल पोस्ट के लिए लिखे कॉलम में लिखा, 'सिखों का खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है. वे सिर्फ इसलिए नहीं बोलते क्योंकि उन्हें हिंसा और हिंसक नतीजों का डर है.' उन्होंने कहा, 'ट्रूडो को कभी समझ में नहीं आया कि अधिकांश सिख अपने दृष्टिकोण में काफी धर्मनिरपेक्ष हैं, भले ही वे मंदिर जाते हों.' पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि खालिस्तानी समर्थक कनाडा में कई मंदिरों को नियंत्रित करते हैं और इसके लिए उन्होंने ट्रूडो को जिम्मेदार ठहराया.
'मूर्ख' हैं पीएम
दोसांझ ने कनाडाई सिखों के पहचान के संकट का भी वर्णन करते हुए कहा, 'कनाडाई अब खालिस्तानियों को सिखों के बराबर मानते हैं, जैसे कि अगर हम सिख हैं तो हम सभी खालिस्तानी हैं' पूर्व मंत्री ने सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ट्रूडो के साथ एक राउंड टेबल वार्ता को भी याद किया और कनाडाई प्रधानमंत्री को सोश्योलॉजिकली और राजनीतिक रूप से 'मूर्ख' करार दिया.
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दोसांझ ने यह भी कहा कि ऐसे कई तरीके हैं जिनसे ट्रूडो भारत के साथ तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'यह बस थोड़ा विनम्र होने और यह कहने की बात है, चलो फिर से शुरुआत करते हैं. भारत एक अच्छा दोस्त है.' बस इतना ही करनी की जरूरत है. कूटनीति ऐसे ही काम करती है.'
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