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रूस-यूक्रेन युद्ध में एक बड़ा मोड़ उस समय आया जब रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे भीषण हवाई हमला किया. इस हमले में क्रूज मिसाइलें, बमबारी और ईरानी बनाए गए शाहेद सीरीज ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है.
रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला सामने आया है. रूस ने यूक्रेन के खिलाफ एक रात में 537 हथियारों से हमला किया, जिसमें 477 ईरानी ‘शाहेद’ ड्रोन्स और 60 मिसाइलें शामिल थीं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि रूस की ये एयरस्ट्राइक न केवल सैन्य ठिकानों, बल्कि नागरिक इलाकों पर भी की गई, जिससे आम लोगों को भी भारी नुकसान पहुंचा.
इस हमले में यूक्रेनी वायु सेना के एक F-16 फाइटर जेट पायलट, मकसीम उस्तेमेंको, की भी मौत हो गई. जेलेंस्की ने बताया कि यह पायलट रूसी हमलों को निष्क्रिय करते हुए शहीद हुआ और उसने अंतिम समय तक 7 हवाई लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किया. उन्होंने पायलट को श्रद्धांजलि देते हुए उसकी मौत की जांच के आदेश भी दिए हैं.
यूक्रेन की वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में ईरान में बने 'शाहेद' ड्रोन्स का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया. इसके अलावा रूस ने इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइल, कालीबर क्रूज़ मिसाइल और अन्य UAVs का इस्तेमाल किया. यूक्रेन ने दावा किया कि उसने 249 ड्रोन्स को इंटरसेप्ट कर गिरा दिया जबकि 225 को इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से निष्क्रिय किया गया.
इसके बावजूद हमले से खेरसॉन और चेर्कासी क्षेत्रों में मौत और गंभीर चोटें हुईं. दो लोगों की मौत और छह घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है.
यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब नीदरलैंड के हेग में नाटो समिट हाल ही में संपन्न हुआ है. इस समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिंता जताई गई थी और सभी सदस्य देशों ने युद्ध खत्म करने की अपील की थी. हालांकि, यूक्रेन की नाटो सदस्यता को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया.
नाटो ने युद्धग्रस्त यूक्रेन को सालाना 40 बिलियन पाउंड की सहायता देने और डिफेंस बजट बढ़ाने की बात कही है, लेकिन युद्ध को रोकने के लिए कोई ठोस शांति योजना अब तक सामने नहीं आई है.
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