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साइंस
ISS से लौटने के बाद एक एस्ट्रोनॉट की हालत बेहद खराब होने के बाद अब सुनीता विलियम्स के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं, जानें नासा ने इस पर क्या कहा...
भारतीय मूल की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर के हफ्ते भर के अंतरिक्ष उड़ान के महीनों लंबे इंतजार में बदल जाने के बाद से नासा मुश्किल में है. रोस्कोस्मोस कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर ग्रेबेनकिन और नासा के अंतरिक्ष यात्री माइकल बैरेट, मैथ्यू डोमिनिक और जीनेट एप्स का क्रू ड्रैगन कैप्सूल मार्च की शुरुआत में उड़ान भरने के बाद 25 अक्टूबर को मैक्सिको की खाड़ी में उतर गया. इसके बाद इन्हें तुरंत फ्लोरिडा के अस्पताल पहुंचाया गया. शुरुआती जांच केवल प्रक्रियागत थी लेकिन टीम के एक एस्ट्रोनॉट को अस्पताल में ही रुकना पड़ा.
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तस्वीरों में काफी दुबली-पतली दिखीं सुनीता विलियम्स
इसके बाद डॉक्टर्स ने अभी भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसे हुए एस्ट्रोनॉट्स के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है. हाल ही में तस्वीरों में भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स काफी दुबली-पतली नजर आईं. तस्वीर में देखने में ऐसा लग रहा है कि उनका स्वास्थ्य भी काफी खराब है. इसके बाद नासा को भी डेलीमेल के जरिए एक बयान जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा. NASA के प्रवक्ता जिमी रसेल ने बताया कि सुनीता विलियम्स और उनके साथ ISS पर मौजूद अंतरिक्ष यात्री ठीक हैं और नियमित मेडिकल जांच से गुजर रहे हैं. उनके स्वास्थ्य की जांच फ्लाइट सर्जन कर रहे हैं और सभी का स्वास्थ्य अच्छा है.
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लंबे समय अंतरिक्ष में रहने से होती हैं ये दिक्कतें
विलियम्स और विल्मोर दो स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन सदस्यों के साथ धरती पर वापसी को तैयार हैं. हालांकि फिर भी उन्हें कम से कम फरवरी 2025 तक आईएसएस पर ही रहने की उम्मीद है. लेकिन लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण एस्ट्रोनॉट्स के हड्डियों का घनत्व, शरीर की चर्बी और मांसपेशियों का द्रव्यमान कम हो जाता है क्योंकि उन्हें लंबे समय तक रेडिएशन से एक्सपोज होना पड़ता है. इसके अलावा गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में दृष्टि से जुड़ी दिक्कतें, गुर्दे की पथरी और संक्रमण का सामना करना पड़ता है.
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