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Reverse Type 2 diabetes: ये 6 आदतें ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने नहीं देंगी, टाइप-2 डायबिटीज का खतरा टल जाएगा

अगर आप टाइप-2 डायबिटीज से बचना चाहते हैं या आपका ब्लड शुगर लेवल हमेशा हाई रहता है तो आपको वनशैली में कुछ बदलाव करना होगा.

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Reverse Type 2 diabetes: ये 6 आदतें ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने नहीं देंगी, टाइप-2 डायबिटीज का खतरा टल जाएगा

डायबिटीज रिवर्स करने के लिए क्या करना चाहिए

जीवनशैली में कुछ स्वस्थ बदलाव करके भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को भी नियंत्रित किया जा सकता है. ये तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन यह असंभव नहीं है, सबसे पहले हमें अपनी दैनिक जीवनशैली, आहार, व्यायाम आदि पर ध्यान देना होगा. अध्ययन से पता चलता है कि इन 6 स्वस्थ आदतों का पालन करने से आपको टाइप 2 डायबिटीज को रोकने में मदद मिलती है
 
ये बदलाव ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकते हैं

डायबिटीज जीवन भर शरीर में कई समस्याएं पैदा करता है. डायबिटीज आजकल ज्यादातर लोगों में पाई जा रही है और इसके प्रति जागरूकता पैदा करने की जरूरत है. जीवनशैली, खान-पान आदि इसका कारण हो सकते हैं. विशेष रूप से, टाइप 2 डायबिटीज अग्न्याशय द्वारा सही मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन करने में विफलता है.

शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन आवश्यक है. लेकिन कुछ एहतियाती उपाय अपनाकर भी इस प्रकार के डायबिटीज को रोका जा सकता है. हाल ही में आईसीएमआर द्वारा जारी एक अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15.8% लोग डायबिटीज के करीब हैं.

अगर लोग छोटे-छोटे बदलाव भी करें तो यह डायबिटीज को रोकने में बड़ी भूमिका निभाएगा. भारत आज विश्व की डायबिटीज राजधानी के रूप में जाना जाता है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के अनुसार, 77 मिलियन भारतीय टाइप 2 डायबिटीज रोगी हैं और अध्ययनों का अनुमान है कि यदि उचित रोकथाम और नियंत्रण उपाय नहीं किए गए तो 2045 तक यह बढ़कर 134 मिलियन हो जाएगा.
   
अतिरिक्त वजन कम करें

ऐसा कहा गया है कि अगर लोग अपना वजन 7% कम कर लें तो डायबिटीज का खतरा 60% तक कम हो जाएगा. इससे स्वस्थ वजन बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. यदि आपका शरीर मोटा है तो आपको अभी से वजन कम करना शुरू कर देना चाहिए और किसी पेशेवर मार्गदर्शक के साथ वजन घटाने का कार्यक्रम करना चाहिए. अगर किसी भी तरह की मेडिकल समस्या है तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का प्रमुख कारण है. पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों से परहेज करें और इसके बजाय प्रसंस्कृत, उच्च कार्बोहाइड्रेट, पैकेज्ड फलों के रस और फ्रुक्टोज से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें. इसके बजाय अधिक शाकाहारी भोजन पर ध्यान देना बेहतर है. यह शरीर को पर्याप्त फाइबर, विटामिन और खनिज प्रदान करता है और ब्लड शुगर के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है .
 
उचित व्यायाम और जीवनशैली अपनाएं

गतिहीन जीवनशैली न केवल डायबिटीज बल्कि कुछ अन्य बीमारियों जैसे कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप, वजन बढ़ना, हृदय स्वास्थ्य समस्याएं और कई अन्य बीमारियों का भी कारण बनती है. इन सबको रोकने और डायबिटीज को दूर रखने के लिए नियमित व्यायाम बहुत अच्छा है. नियमित व्यायाम ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद कर सकता है. ब्लड शुगर के स्तर को प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता बढ़ रही है.
 
नियमित रूप से ब्लड शुगर का निरीक्षण करें

एहतियात के तौर पर सभी को नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए. इससे शरीर को ठीक से पता चल सकेगा कि ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी हुई है या नहीं. तभी स्थिति को रोका जा सकता है और डायबिटीज से बचा जा सकता है. अध्ययनों से पता चला है कि 15-35 प्रतिशत लोग जीवनशैली में कुछ बदलाव और चिकित्सा सहायता से डायबिटीज को रोक सकते हैं.
 
तनाव से निपटने का प्रयास करें

तनाव अग्न्याशय द्वारा ठीक से इंसुलिन का उत्पादन नहीं करने का एक प्रमुख कारण है. तनाव को प्रबंधित करने से जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और ग्लाइसेमिक इंडेक्स में भी सुधार होगा. तनावपूर्ण स्थितियों से बचें.
 
शराब और धूम्रपान से बचें

धूम्रपान से डायबिटीज का खतरा 50 फीसदी होता है. 30-40% की वृद्धि और शराब के कारण अग्न्याशय में सूजन हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन होता है.

यदि डायबिटीज या मोटापे का इतिहास है, तो अधिक सावधानी बरतना बेहतर है. धूम्रपान और शराब से दूर रहने की सलाह दी जाती है. इन दोनों की वजह से डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है. इसके अलावा उनका कहना है कि व्यायाम और तनाव प्रबंधन संभव नहीं है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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