लाइफस्टाइल
कॉमेडियन कपिल शर्मा के वजन घटाने को देखकर उनके फैंस हैरान हैं. हर कोई उनके वजन घटाने के सफर के बारे में जानना चाहता है. उनके फिटनेस कोच योगेश भटेजा ने इसका राज खोला है.
कॉमेडी किंग कपिल शर्मा इस समय सिर्फ अपने जोक्स के लिए ही नहीं बल्कि अपने फिटनेस ट्रांसफॉर्मेशन के लिए भी चर्चा में हैं. नेटफ्लिक्स के द ग्रेट इंडियन कपिल शो में जब कपिल का नया और बदला हुआ लुक सामने आया तो फैंस और फिटनेस एक्सपर्ट हैरान रह गए. अब सवाल उठता है कि कपिल ने ये बदलाव कैसे किया? अगर वजन कैसे घटाया जाए तो इसका जवाब है फिटनेस कोच योगेश भटेजा और उनका बेहद आसान लेकिन कारगर फिटनेस फॉर्मूला जिसे वो 21-21-21 रूल कहते हैं. जिसे भटेजा ने एक यूट्यूब चैनल के साथ शेयर किया है. आइए जानते हैं आखिर क्या है ये फॉर्मूला.
वजन घटाने का फार्मूला
कपिल शर्मा ने सिर्फ़ 63 दिनों में 11 किलो वज़न घटाया. उन्होंने कोई बहुत ज़्यादा डाइट या एक्सरसाइज़ नहीं की और न ही जिम में घंटों पसीना बहाया. उन्होंने जो किया वह एक धीमी लेकिन बहुत ही टिकाऊ प्रक्रिया को अपनाना था, जिसमें शरीर और मन दोनों ही बहुत सकारात्मक तरीके से बदल गए.
कपिल के ट्रेनर योगेश भटेजा ने बताया कि फिटनेस की शुरुआत में ज़्यादातर लोग हार मान लेते हैं क्योंकि ये सारी चीज़ें अचानक उनके लिए बहुत ज़्यादा हो जाती हैं, फिर चाहे वो एक्सरसाइज़ हो या डाइटिंग. यही वजह है कि उनका शरीर और दिमाग दोनों जल्दी थक जाते हैं और वो रूटीन से बाहर हो जाते हैं. इसलिए उन्होंने कपिल के लिए एक फॉर्मूला अपनाया, जिसमें हर 21 दिन में एक बदलाव किया जाता है और शरीर ज़्यादा फिट हो जाता है.
21-21-21 नियम क्या है?
इस नियम में कुल 63 दिन होते हैं, जिन्हें तीन भागों में बांटा गया है. प्रत्येक चरण 21 दिन का होता है. आइये जानते हैं यह कैसे किया जाता है.
पहले 21 दिन - स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज: यह चरण आपके शरीर को सक्रिय करने से शुरू होता है. जिम जाने की कोई ज़रूरत नहीं है. कोच योगेश कहते हैं, "इन 21 दिनों में, आपको बस अपने शरीर को हिलाना है - स्ट्रेचिंग, पीटी क्लास जैसी सरल एक्सरसाइज़. आप चाहें तो जलेबी खा सकते हैं, लेकिन अपने शरीर को हर दिन हिलाएं. इससे आपकी मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं और आपका शरीर कसरत के लिए तैयार हो जाता है." इस चरण का उद्देश्य सिर्फ़ आपके शरीर को चलने की आदत डालना है, वज़न कम करना नहीं.
अगले 21 दिन - आहार में छोटे-मोटे बदलाव: इसके बाद, खाने-पीने पर ध्यान देने का समय आता है. लेकिन यहाँ भी कोई सख्त नियम नहीं हैं. भटेजा कहते हैं, "हमने कपिल के आहार में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया. हमने कैलोरी नहीं गिनीं और न ही कार्ब्स कम किए. हमने सिर्फ़ यह देखा कि वह क्या खा रहा था और कब खा रहा था और कुछ संतुलन बनाया." इस चरण में लोगों को खाने से डरने के बजाय उसे समझने की सलाह दी जाती है.
आखिरी चरण 21 दिन - आदत नियंत्रण: आखिरी 21 दिन मानसिक और भावनात्मक तंदुरुस्ती के लिए होते हैं. इसमें व्यक्ति अपनी बुरी आदतों को पहचानता है और उनसे दूरी बनाना शुरू करता है, जैसे सिगरेट, शराब या अत्यधिक कैफीन. ट्रेनर कहते हैं कि जब आप 42वें दिन पर पहुंचते हैं, तो आपको खुद में बदलाव महसूस होता है. तब आपको लगता है कि आप बेहतर हो रहे हैं. यही वह समय है जब आप बुरी आदतों को छोड़ने का सबसे मजबूत फैसला ले सकते हैं.
यह विधि प्रभावी क्यों है?
भटेजा का मानना है कि यह तरीका खास तौर पर शुरुआती लोगों के लिए कारगर है. इसमें फिटनेस का अचानक तनाव नहीं होता. या दिमाग पर बोझ नहीं पड़ता. उनका मानना है कि 63 दिन के बाद फिटनेस हासिल कर चुके व्यक्ति को किसी प्रेरणा की जरूरत नहीं होती. वह अपने शरीर में आए बदलावों को देखकर प्रेरित होता है.
(Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें.)
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.