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 Kargil Vijay Diwas : इस सैनिक की शहादत से शुरू हुआ था करगिल युद्ध, टुकड़ों में शरीर भेजा था पाकिस्तान ने 

Kargil Vijay Diwas : भारतीय फौज की एक टुकड़ी पाकिस्तानी घुसपैठियों को पकड़ने निकली है. इस टुकड़ी का नेतृत्व 22 साल के कैप्टन सौरभ कालिया कर रहे थे. इन सैनिकों के पास जब गोलियां खत्म हो गईं, पाकिस्तानी फौज ने उन्हें ज़िंदा पकड़ लिया.

 Kargil Vijay Diwas : इस सैनिक की शहादत से शुरू हुआ था करगिल युद्ध, टुकड़ों में शरीर भेजा था पाकिस्तान ने 

डीएनए हिंदी : मई 1999 में भारतीय फौज की एक टुकड़ी पाकिस्तानी घुसपैठियों को पकड़ने निकली है. इस टुकड़ी का नेतृत्व 22 साल के कैप्टन सौरभ कालिया कर रहे थे. उनके साथ पांच और जवान थे. करगिल के ककसार इलाके में लाइन ऑफ़ कंट्रोल  (LoC) पर घुसपैठियों से जूझते हुए इन सैनिकों के पास जब गोलियां खत्म हो गईं, पाकिस्तानी फौज ने उन्हें ज़िंदा पकड़ लिया.  इन छ: सैनिकों के नाम क्रमश: कैप्टन सौरभ कालिया, जवान अर्जुन राम,  जवान भंवर लाल बागरिया,  जवान भिका राम,  जवान  मूला राम और  जवान  नरेश सिंह था. 

22 दिनों बाद लौटाया क्षत-विक्षत शरीर 
पाकिस्तानी फ़ौज के द्वारा पकड़े जाने के कुछ ही दिनों के बाद कैप्टन सौरभ कालिया 23 साल के होने वाले थे. आगामी 29 जून को उनका जन्मदिन था मगर उससे  ठीक पहले उनकी क्षत-विक्षत लाश देश लौटी.

कानों से गुज़रे हुए रॉड, कटी हुई नाक और तराश लिए गए होंठ इस बात का प्रमाण थे कि उन्होंने 22 दिनों तक किस तरह टॉर्चर झेला होगा. इन छ: सैनिकों को आखिर में गोली मार दी गई थी. 

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दुनिया भर में हंगामा मचा था पाकिस्तान की इस क्रूरता पर 
दुश्मन देश के बंदी सैनिकों के साथ इस क्रूरता पर पाकिस्तान ने सीधी तरह युद्ध सम्बंधी जेनेवा कन्वेंशन को दरकिनार किया था. आज भी पाकिस्तान की इस हरक़त की निंदा होती है. जैसे ही कैप्टन कालिया और उनके साथी सैनिकों का शव मिला, पूरा देश सकते में आ गया.  शहीद सौरभ कालिया के पिता ने उन्हें इन्साफ दिलाने के लिए सालों लड़ाई लड़ी. 

 

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