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Uttar Pradesh News: यूपी की राज्यपाल को मिला नोटिस, अधिकारियों के उड़ गए होश, जानें क्या है मामला

Uttar Pradesh News: दशहरी आम के लिए पूरी दुनिया में मशहूर मलिहाबाद में एक जमीन की विरासत के विवाद में यह नोटिस जारी किया गया है. धारा 34 के तहत जारी इस नोटिस को लेकर जिलाधिकारी ने जांच कराई है, जिसकी रिपोर्ट आ गई है.

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Uttar Pradesh News: यूपी की राज्यपाल को मिला नोटिस, अधिकारियों के उड़ गए होश, जानें क्या है मामला

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने हर तरफ हड़कंप मचा दिया है. प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को एक गांव की जमीन की विरासत के विवाद में तहसीलदार ने नोटिस जारी कर दिया है. यह नोटिस भारतीय डाक के जरिये राज्यपाल कार्यालय पहुंचा तो सब हैरान रह गए, क्योंकि प्रदेश की राजधानी लखनऊ की इस जमीन से राज्यपाल का निजी या अपने संवैधानिक पद के नाते कोई संबंध ही नहीं है. इसके बाद राज्यपाल कार्यालय भड़का तो लखनऊ का पूरा प्रशासनिक अमला हिल गया है. जिलाधिकारी लखनऊ ने इस मामले में जांच कराई है. इस जांच में सामने आया है कि यह फर्जी नोटिस है, जो किसी ने शरारत के मकसद से तहसीलदार की फर्जी मुहर लगाकर जारी किया है. आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है.

मलिहाबाद गांव से जुड़ा है मामला
लखनऊ का मलिहाबाद गांव अपने दशहरी आमों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. इस गांव की ग्राम सभा और मीरा देवी के बीच एक जमीन की विरासत तय करने को लेकर कानूनी कार्रवाई चल रही है. इस विवाद में धारा 34 के तहत मलिहाबाद तहसीलदार विकास सिंह के नाम से राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को नोटिस जारी कर दिया गया है. विवादित मामला होने के चलते राजस्व निरीक्षक ने इसे तहसीलदार पोर्टल पर आगे भी बढ़ा दिया, जबकि इस पर नीचे साफतौर पर माननीय राज्यपाल महोदया लिखा गया था. बता दें कि धारा 361 के तहत राज्यपाल को किसी भी तरह का नोटिस नहीं दिया जा सकता है. 

11 नवंबर को मिला था राजभवन को नोटिस
यह नोटिस भारतीय डाक के जरिये 11 नवंबर को लखनऊ राजभवन पहुंचा था, जहां इसे देखने के बाद राज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने नाराजगी जताई और तत्काल जिलाधिकारी लखनऊ को पत्र लिखकर जवाब-तलब कर लिया. जिलाधिकारी ने इस मामले में जांच कराई तो पूरा मामला फर्जी निकला है. जांच में सामने आया कितहसीलदार ऑफिस से इस तरह का कोई नोटिस कभी जारी ही नहीं किया गया है. यह नोटिस हजरतगंज जीपीओ से राजभवन भेजा गया है, जबकि वहां से मलिहाबाद तहसील का कोई पत्र नहीं भेजा है. 

क्या कहा है तहसीलदार ने
तहसीलदार विकास सिंह ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताया है. उन्होंने कहा,'किसी शरारती व्यक्ति ने उनकी कोर्ट की मुहलर लगाकर और पेशकार के फर्जी हस्ताक्षर करने के बाद यह नोटिस जारी किया है. 11 नवंबर को स्पीड पोस्ट से राजभवन पहुंचे नोटिस में जारी होने की तिथि 29 अक्टूबर डाली गई है. इसमें राज्यपाल को 8 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया गाय है. तहसीलदार ने बताया कि राजस्व संहिता 2006 लागू होने के बाद धारा-34 के मामले में पक्षकारों को कंप्यूटराइज्ड नोटिस ही भेजा जाता है. 

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