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Milkipur Assembly By Election: भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट बेहद अहम है. यहीं के विधायक अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनाव में अयोध्या (फैजाबाद) सीट पर BJP कैंडिडेट को हराया था. भाजपा ने इस सीट पर चंद्रभानु पासवान को उम्मीदवार बनाया है.
Milkipur Assembly By Election: उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सियासी संग्राम अब और ज्यादा तीखा होने की संभावना है. भाजपा ने अपने लिए नाक का सवाल बनी इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को अपना कैंडिडेट घोषित किया है, जो यहां से पूर्व विधायक व अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को चुनौती देंगे. अवधेश प्रसाद के सांसद बनने पर इस्तीफा देने से ही मिल्कीपुर सीट खाली हुई है, जिसके चलते यहां उपचुनाव हो रहा है. सपा नेता अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनाव में अयोध्या (फैजाबाद) लोकसभा सीट पर भाजपा कैंडिडेट को हराकर हंगामा मचा दिया था. ऐसे में भाजपा विधानसभा उपचुनाव में उनके बेटे को पटखनी देकर उस जीत को महज संयोग साबित करना चाहती है.
जिला पंचायत से प्रदेश राजनीति मे छलांग
मिल्कीपुर सीट से टिकट पाने वाले चंद्रभान अब तक अयोध्या की जिला पंचायत की राजनीति में एक्टिव रहे हैं, जहां से उन्हें प्रदेश स्तर की राजनीति में छलांग लगाने का मौका दिया गया है. वकालत की पढ़ाई कर चुके चंद्रभान के पिता भी स्थानीय सियासत में एक्टिव हैं, जबि उनकी पत्नी रूदौली से जिला पंचायत मेंबर है. खुद चंद्रभान भी जिला पंचायत सदस्य हैं. भाजपा जिला कार्यकारिणी के मेंबर चंद्रभान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंद माना जा रहा है.
सोशल समीकरण भी साधने की कोशिश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिल्कीपुर सीट पर बाबा गोरखनाथ को टिकट नहीं देकर चंद्रभान को उतारना बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है. साल 2022 में इस सीट पर गोरखनाथ को अवधेश प्रसाद ने महज 13 हजार वोट से हराया था. ऐसे में उनकी चुनौती बहुत कमजोर नहीं थी, लेकिन दलित उम्मीदवार उतारकर योगी आदित्यनाथ ने सपा के पिछड़े दांव की काट की है. मिल्कीपुर सीट पर दलित वोटर्स काफी संख्या में हैं. साथ ही चंद्रभान पार्टी का युवा चेहरा भी हैं, जिससे अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के युवा चेहरा होने की भी काट हो जाएगी.
अवधेश प्रसाद के बेटे की राह होगी मुश्किल
सपा ने लोकसभा चुनाव में अयोध्या (फैजाबाद) सीट पर भाजपा को पटखनी देकर हंगामा खड़ा कर दिया था. यह जीत मिल्कीपुर के विधायक अवधेश प्रसाद ने हासिल की थी, जिससे सपा में उनका कद बेहद बढ़ गया है. सपा ने मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव घोषित होते ही बिना पल गंवाए अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था. बसपा ने इस उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारने की घोषणा की है. इसलिए मुकाबला सीधा सपा बनाम भाजपा का ही है. अब भाजपा के दलित उम्मीदवार घोषित कर देने से अवधेश प्रसाद के बेटे की राह मुश्किल दिख रही है,जो पहले ही अमेठी में विधानसभा चुनाव हार चुके हैं.
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