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'दारा शिकोह को क्यों नहीं मानते आइकॉन?', औरंगजेब विवाद पर बोले RSS सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले

दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि देश के लोगों को सोचना होगा कि भारत को स्वतंत्रता कैसे मिली. अंग्रेजों से पहले आक्रांताओं से देश के वीर सबूतों ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी.

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'दारा शिकोह को क्यों नहीं मानते आइकॉन?', औरंगजेब विवाद पर बोले RSS सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले

RSS General Secretary Dattatreya Hosabale

औरंगजेब को लेकर चल रहे विवाद के बीच आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले का बड़ा बयान सामने आया है. दत्तात्रेय ने कहा कि गंगा-जमुनी तहजीब की बात करने वाले लोग 
औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को याद क्यों नहीं करते? शिकोह को हीरो क्यों नहीं बनाया गया? उन्होंने कहा कि देश के लोगों को तय करना होगा कि औरंगजेब या दारा शिकोह किसे अपना आइकॉन बनाना चाहिए.

दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि जो व्यक्ति हमारी संस्कृति के खिलाफ था. जिसने हमारी भूमि की परंपराओं के खिलाफ काम किया उसे आइकॉन नहीं मानना चाहिए. दिल्ली में कभी औरंगजेब रोड हुआ करता था, जिसका नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया. इसके पीछे कुछ तो कारण रहा होगा.

'अंग्रेजों से पहले आक्रांताओं से स्वतंत्रा की लड़ाई लड़ी'

उन्होंने कहा, 'समाज में कोई भी किसी विषय के बारे में उठा सकता है. इतिहास में कई घठनाएं घटी हैं. दिल्ली में औरंगजेब मार्ग बदलकर अब्दुल कलाम रोड किया. उसका मकसद था. जो लोग गंगा-जमुना तहजीब की बात करते हैं, उन्होंने कभी दारा शिकोह को लाने का प्रयास क्यों नहीं किया.' होसबले ने कहा कि देश के लोगों को सोचना होगा कि भारत को स्वतंत्रता कैसे मिली. अंग्रेजों से पहले आक्रांताओं से देश के वीर सबूतों ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी.

RSS-सरकार के बीच तकरार पर क्या बोले?

होसबले ने बेंगलुरु में आयोजित अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के अंतिम दिन भाजपा और आरएसएस के रिश्तों पर भी अहम बयान दिया. उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान अक्सर इस रिश्ते को लेकर विभिन्न आकलन किए जाते हैं, लेकिन असल आकलन तो देश की जनता ने किया है. आरएसएस भी देश का एक अभिन्न हिस्सा है और अगर वह किसी भूमिका में हैं, तो वे हर सरकार के लिए अभिभावक के रूप में हैं.

 उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकार का हिस्सा नहीं बनता, तो यह अलग बात है, लेकिन फिलहाल आरएसएस और सरकार के बीच कोई संकट नहीं है और सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा है.

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