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भारत
कभी नीतीश कुमार को बिहार का मुखिया बनाने में अहम रोल निभाने वाले प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि इस बार नीतीश कुमार बिहार के सीएम नहीं बनेंगे. उन्होंने कहा है कि बिहार की 62 प्रतिशत जनता बदलाव चाहती है.
Bihar Assembly Election से पहले जन सुराज पार्टी के मुखिया Prashant Kishor ने दावा किया है कि इस बार नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. इस साल अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं. प्रशांत किशोर का कहना है कि नीतीश कुमार अब शारीरिक और मानसिक रूप से मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में नहीं हैं और वो लिखकर दे सकते हैं कि अब वो बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे.
PK ने कहा, 'पूरे बिहार को पता है कि नीतीश कुमार की मानसिक और शारीरिक हालत ऐसी नहीं है कि वो कुछ करवा पाएं. वह स्टेज पर बैठकर अपने साथ बैठे पीएम का नाम भूल जाते हैं, जो राष्ट्रगान बजते समय यह समझ नहीं पाते कि राष्ट्रगान बज रहा है या कव्वाली.. जिन्होंने सालभर में मीडिया को संबोधित नहीं किया है. वो खुद का ख्याल नहीं रख सकते... बिहार का ध्यान कैसे रखेंगे. अगर मुझे और आपको ये सब पता है तो क्या पीएम मोदी और अमित शाह को नहीं पता होगा.'
प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि JDU बिहार में 25 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी और अगर ऐसा होता है तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की अप्रूवल रेटिंग 60 प्रतिशत से गिरकर 16-17 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि सब जानने के बाद भी नीतीश कुमार को चुनाव का चेहरा बनाया जा रहा है और चुनाव होने तक वो यही करेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी बिहार चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है और न ही वो बिहार में अकेले चुनाव जीतने को लेकर कॉन्फिडेंट है. पहले कभी बीजेपी अपने दम पर बिहार में न हीं जीत पाई है. इसलिए वो नीतीश कुमार को छोड़ नहीं रहे हैं.
प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि उनकी टीम के सर्वे में सामने आया है कि बिहार की 62 प्रतिशत जनता बदलाव चाहती है. उन्होंने कहा, 'अगले दो महीने में ये पता चल जाएगा कि ये 62 प्रतिशत लोग किसके लिए वोट करेंगे. क्या वो उन लोगों को फिर मौका देंगे जिन्होंने उन्हें निराश किया? क्या वो किसी नए को मौका देंगे? कुछ भी हो ये तय है कि नवंबर के बाद नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. मैं ये आपको लिखकर दे सकता हूं. बिहार को एक नया मुख्यमंत्री मिलेगा.'
पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट रहे प्रशांत किशोर की I-Pac ने JDU, BJP, TMC जैसी पार्टियों के साथ काम किया है और उनके चुनाव जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. एक समय पर प्रशांत किशोर JDU प्रमुख नीतीश कुमार के बेहद करीबी थे और वो जेडीयू में शामिल होकर पार्टी के उपाध्यक्ष भी बनाए गए थे. हालांकि, साल 2019 में केंद्र सरकार के सिटिज़नशिप अमेंडमेंट बिल का JDU ने समर्थन किया था, इसे लेकर प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और जेडीयू की आलोचना की थी. इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. अक्तूबर, 2024 में प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी का गठन किया और 2025 का बिहार चुनाव लड़ने का ऐलान किया.
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