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Devendra Fadnavis: सीएम फडणवीस की ओर से कहा गया है कि 'किसी भी हाल में मैं करप्ट लगों को जॉइन नहीं करने दूंगा. मैं दागियों को स्विकृति नहीं दे सकता. चाहे इससे कोई आहत ही क्यों न हो जाए.' पढ़िए रिपोर्ट.
Maharashtra News: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में नई सरकार बनने के बाद से सत्ताधारी गठबंधन महायुति के घटक दलों के बीच टकराव की स्थिति कई बार देखने को मिली है. अब एक बार फिर से ऐसी ही स्थिति आन पड़ी है. दरअसल राज्य के सीएम फडणवीस की ओर से कहा गया कि उन्होंने कार्य अधिकारी (OSD) और निजी सहायक (PA) को लेकर मंजूरी दे दी है. सीएम की ओर से इस बात का जिक्र सोमवार को किया गया था. इन पदों को लेकर नामों की स्वीकृति प्रदेश में महायुति की सरकार बनने के तीन महीने के बाद मिली है.
महायुति के भीतर घमासान
प्रदेश के सीएम फडणवीस की ओर से कहा गया कि '109 नामों की स्वीकृति दी गई है.' महाराष्ट्र में सरकार के गठन के तीन महीने बाद ये निर्णय लिया गया. कहा जा रहा है कि इन पदों को लेकर गठबंधन के भीतर सहमति नहीं बन पा रही थी. सीएम के पास इन पदों को लेकर कई नामों की सिफारिश की गई थी, जिनमें से उन्होंने कई नामों को अस्वीकार कर दिया. खबर है कि सीएम की ओर से 16 ऐसे नामों को लेकर अस्वीकृति दी गई है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि सीएम के इस निर्णय से गठबंधन के भीतर घमासान की स्थिति बन गई है. शिवसेना यूबीटी गुट के संजय राउत की ओर से दावा किया गया है कि अस्वीकार किए गए सारे ही नाम गैर-बीजेपी दलों से आए थे, इनमें 13 शिवसेना-शिंदे गुट और 3 एनसीपी-अजित पवार गुट द्वारा भेजे गए नाम थे.
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उन नामों को अस्वीकार करने की क्या रही वजह
सीएम फडणवीस की ओर से कहा गया कि 'महायुति सरकार के मंत्रियों की ओर से कई नामों की सिफारिश की गई थी. इसके लिए उन्होंने कई प्रस्ताव भेजे थे. हमारे पास कुल 125 नाम आए थे, इनमें से 109 नामों को स्वीकृति दे दी गई है. वहीं 16 नामों को दरकिनार कर दिया गया. इन लोगों के ऊपर अलग-अलग मामलों को लेकर तफ्तीश जारी है, इनका ट्रैक-रिकॉर्ड सही नहीं है, इन्हें दलाल समझा जाता है.' साथ ही उन्होंने बताया कि 'किसी भी हाल में मैं करप्ट लगों को जॉइन नहीं करने दूंगा. मैं दागियों को स्विकृति नहीं दे सकता. चाहे इससे कोई आहत ही क्यों न हो जाए.'
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