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DUSU Election Date: कोरोना महामारी की वजह से पिछले 3 साल से दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए थे. अब एक बार फिर नए सेशन के साथ छात्र राजनीति का दौर शुरू हो गया है और इस साल 22 नवंबर को वोट डाले जाएंगे.
डीएनए हिंदी: डीयू में छात्र संघ चुनाव कराने की तैयारी DUSUनया सेशन शुरू होने से पहले ही शुरू हो गई थी. छात्र राजनीति की दोनों ही प्रमुख पार्टियों एबीवीपी और एनएसयूआई ने कैंपस में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. अब डूसू (DUSU Election) की तारीख भी सामने आ गई है. 22 सितंबर को छात्र संघ के लिए वोट डाले जाएंगे. 2020 में कोरोना महामारी की वजह से छात्र संघ चुनाव नहीं हो सके थे. तीन साल के बाद होने वाले चुनावों को लेकर कैंपस में जोर-शोर से प्रचार का दौर चल रहा है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनावों पर पूरे देश की नजर रहती है. इसे एक तरह से राष्ट्रीय राजनीति में पहुंचने की पहली सीढ़ी भी मानी जाती है. छात्र संघ के कई नेता बाद में राजनीति के दिग्गज चेहरे भी बने हैं.
22 सिंतबर को डाले जाएंगे वोट
दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव के लिए इस बार 22 सितंबर को वोट डाले जाने हैं. मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई और बीजेपी समर्थित एबीवीपी के बीच ही है. इसके अलावा लेफ्ट पार्टियों और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों के उम्मीदवार भी छात्र संघ चुनाव में जोर-शोर से हिस्सा लेते हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर रजनी अब्बी ने भी सेशन शुरू होने से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस साल सही समय पर छात्र संघ चुनाव संपन्न कराए जाएंगे.
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दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू में होने वाले छात्र संघ चुनावों की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होती है. जेएनयू में अब तक जहां वामपंथी पार्टियों का ही दबदबा रहा है तो दूसरी ओर दिल्ली यूनिवर्सिटी में एबीवीपी और एनएसयूआई ही ज्यादातर बार हावी रहे हैं. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एक तरह से युवाओं का मूड समझने का यह बड़ा पैमाना भी है. दिल्ली यूनिवर्सिटी में देश भर से छात्र पढ़ने के लिए आते हैं और चुनाव नतीजों से युवाओं का रुझान किस दल की ओर है समझ सकते हैं.
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छात्र संघ से निकले हैं दोनों ही पार्टियों में कई बड़े नेता
दिल्ली यूनिवर्सिटी ही नहीं दूसरे कॉलेजों की छात्र राजनीति से कई दिग्गज नेता निकले हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिवंगत अरुण जेटली भी छात्र राजनीति में सक्रिय रहे थे. सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी और प्रकाश करात जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं. कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता रागिनी नायक भी दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट रह चुकी हैं. लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार जैसे बड़े नेता भी छात्र राजनीति से ही राष्ट्रीय राजनीति तक पहुंचे हैं.
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