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भारत
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया है. 24 जून से शुरू हुई इस प्रक्रिया में अब तक कुल दो-तिहाई यानी 66.16% गणना फॉर्म भरे जा चुके हैं.
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरों पर है, और इसी के तहत चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की प्रक्रिया ज़ोर-शोर से चल रही है. इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को और अधिक सटीक, अद्यतन और पारदर्शी बनाना है.
24 जून 2025 को शुरू हुई इस प्रक्रिया में अब तक उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है. 10 जुलाई की शाम 6 बजे तक, बिहार में कुल 5 करोड़ 22 लाख 44 हजार 956 गणना फॉर्म (Enumeration Forms) भरवाकर जमा किए जा चुके हैं. ये आंकड़ा कुल मतदाताओं का लगभग 66.16 प्रतिशत है.
बिहार में कुल 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 मतदाता पंजीकृत हैं. चुनाव आयोग ने इनके लिए लगभग 7 करोड़ 90 लाख गणना फॉर्म प्रिंट कराए थे, जिनमें से 98% यानी 7.71 करोड़ फॉर्म पहले ही लोगों के बीच वितरित किए जा चुके हैं.
इस बड़े पैमाने पर हो रहे पुनरीक्षण अभियान में 77,895 बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) और 20,603 अतिरिक्त BLOs को विशेष रूप से नियुक्त किया गया है. उनके साथ-साथ करीब 4 लाख वॉलंटियर्स और 1 लाख 56 हजार राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स भी इस कार्य में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं.
इस सहयोग से न केवल प्रक्रिया को गति मिली है, बल्कि हर वर्ग और क्षेत्र से जुड़ी सूचनाओं का सही तरीके से सत्यापन भी सुनिश्चित हो रहा है.
हालांकि इस प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए हैं. उनका आरोप है कि यह कदम चुनावी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है. कई विपक्षी नेता इस मुद्दे को सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लेकर जा चुके हैं और इसकी वैधता पर सवाल उठा रहे हैं.
विपक्ष की आपत्तियों के बीच, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो और अपात्र नाम हटाए जा सकें.
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